मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार तक के किये 100 वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मध्य रेलवे ने लॉकडाउन के बाद पहली किसान रेल अगस्त 2020 में एक साप्ताहिक ट्रेन के रूप में शुरू हुई थी, इस ट्रेन ने काफी कारगर साबित हुई.
चूंकि रेलवे और कृषि दोनों ने लॉकडाउन के दौरान भी अपना कार्य जारी रखा और सुनिश्चित किया कि देश के हर कोने पर अनाज पहुंचे. किसान रेल देश भर में कृषि उपज का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने के लिए एक गेम चेंजर बन गई है.
सांगोला-शालिमार किसान रेल 21 नवंबर 2020 को शुरू हुई थी. मल्टी कमोडिटी ट्रेन सेवा, फूलगोभी, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, ड्रमस्टिक, मिर्च, प्याज आदि सब्जियों के साथ-साथ अंगूर, संतरा, अनार, केला, कस्टर्ड ऐपल जैसे फल का भी परिवहन कर रही है.
भारतीय रेल ने 7 अगस्त 2020 को देवलाली से दानापुर तक पहली 'किसान रेल' शुरू की गई थी. बाद में इस ट्रेन का मुज़फ़्फ़रपुर तक विस्तार किया गया और उत्तरी भारत के सुदूर स्थानों पर अपनी उपज भेजने के लिए लाभ उठाने वाले किसानों से अच्छा लाभ मिला.
महाराष्ट्र के सांगोला से एक लिंक किसान रेल भी शुरू की गई. सोलापुर, सांगली जिलों के सांगोला, पंढरपुर ,मोडलिंब , केवटी-महांकाल, सालगारे में उगाए जाने वाले शिमला मिर्च, अनार, अंगूर का एक बड़ा यातायात था. अहमदनगर क्षेत्र से नींबू, जेऊर और करमाला के क्षेत्रों में टमाटर और कच्चे-पौधे, जो सड़क द्वारा ले जाया जा रहा था, अब किसान रेल द्वारा ले जाया जा रहा है.
नागपुर और आसपास के क्षेत्रों से संतरे के परिवहन के लिए ऑरेंज (संतरा) किसान रेल भी अक्टूबर 2020 से शुरू की गई. यह ट्रेन संतरा के किसानों के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है जो न केवल संतरा उत्पादन को बढ़ाएगी बल्कि पूरे देश में महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संतरे के वितरण का भी मार्ग प्रशस्त करेगी. यह ऑरेंज प्रोड्यूसर्स के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. मध्य रेलवे के मुताबिक, किसान रेल छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपना अपनी यात्रा हरदम जारी रखेगी.
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