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पुलिस मेमोरियल के उद्घाटन में भावुक हुए पीएम मोदी, जवानों की शहादत की बात करते हुए नम हुईं आंखें
नेशनल पुलिस मेमोरियल: प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों की शाहत को सलाम किया. उन्होंने कहा कि जो बिना किसी लालच में अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं, देश उन्हें जानता तक नहीं है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बने नेशनल पुलिस मेमोरियल का उद्घाटन कया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी जवानों की शहादत की बात करते हुए भावुक हो गए. प्रधानमंत्री की आंखें नम हो गईं. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र सेवा और समर्पण की अमर गाथा के प्रतीक, राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है.
उन्होंने कहा, ''देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को, मैं बधाई देता हूं. बहुतों को तो ये पता तक नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं.''
राष्ट्र निर्माण में जवानों के योगदान की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''देश की सुरक्षा में समर्पित प्रत्येक व्यक्ति को, यहां उपस्थित शहीदों के परिवारों को मैं पुलिस स्मृति दिवस पर नमन करता हूं. आज का ये दिन आप सभी की सेवा के साथ-साथ, आपके शौर्य और उस सर्वोच्च बलिदान को याद करने का है, जो हमारी पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की परिपाटी रही है.''
उन्होंने कहा, ''देश के नक्सल प्रभावित जिलों में जो जवान अभी ड्यूटी पर तैनात हैं, उनसे भी मैं यही कहूंगा कि आप बेहतरीन काम कर रहे हैं और शांति स्थापना की दिशा में आप तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं.'' पीएम मोदी ने कहा, ''नॉर्थ ईस्ट में डटे हमारे साथियों का शौर्य और बलिदान भी अब शांति के रूप में दिखने लगा है. शांति और समृद्धि का प्रतीक बन रहे हमारे उत्तर-पूर्व के विकास में आपका भी योगदान है.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''आज मुझे राष्ट्रीय पुलिस मेमोरियल पर गर्व है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं. आखिर इस मेमोरियल को अस्तित्व में आने में आज़ादी के 70 वर्ष क्यों लग गए. मैं मानता हूं कि कानूनी वजहों से कुछ वर्ष काम रुका, लेकिन पहले की सरकार की इच्छा होती, उसने दिल से प्रयास किया होता, तो ये मेमोरियल कई वर्ष पहले ही बन गया होता. लेकिन पहले की सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमने दी.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''2014 में जब फिर NDA की सरकार बनी तो हमने बजट आवंटन किया और आज ये भव्य स्मारक देश को समर्पित की जा रही है. ये हमारी सरकार के काम करनेका तरीका है. आज समय पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की कार्यसंस्कृति विकसित की गई है.''
आज लाल किला में तिरंगा फहराएंगे पीएम मोदी
आज से 75 साल पहले नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनाई थी. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे. आज के दिन लाल किले के भीतर सलीमगढ़ की इमारत इतिहास में अलग जगह रखती है.
इस इमारत में आज़ाद हिंद फौज के तीन अफसरों कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन मेजर जनरल शाहनवाज़ खान पर 'लाल किला अभियोग' नाम से मशहूर मुकदमा चला था. आज से 75 साल पहले 21 अक्टूबर 1943 के दिन सुभाष चंद्र बोस ने आज़ाद भारत की पहली अस्थाई सरकार बनाई थी. तब के देशों ने अस्थाई भारत सरकार को मान्यता भी दी थी.
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प्रदीप डबासवरिष्ठ पत्रकार
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