इस वजह से पीएम मोदी ने रवांडा में ग्रामीणों को दान में दी 200 गायें
इसका उद्देश्य हर गरीब परिवार को पोषण और वित्तीय सुरक्षा मुहैया करने के लिए उसे एक गाय देना है. मोदी यहां की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गए हैं.
किगाली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा में ग्रामीणों को आज 200 गायें दान में दीं. उन्होंने गरीबी घटाने और बाल कुपोषण से निपटने के लिए देश के राष्ट्रपति पॉल कागमे के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'गिरिनका' की सराहना भी की. कागमे ने साल 2006 में 'गिरिनका कार्यक्रम' शुरू किया था. इसका उद्देश्य हर गरीब परिवार को पोषण और वित्तीय सुरक्षा मुहैया करने के लिए उसे एक गाय देना है. मोदी यहां की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गए हैं. उन्होंने रवेरू मॉडल गांव में एक कार्यक्रम में गरीब परिवारों को ये गायें दान में दी.
इस अवसर पर मोदी ने सरकार के गिरिनका कार्यक्रम की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि दूर दराज स्थित रवांडा के गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण के साधन के तौर पर गायों को इतना महत्व देता देखकर भारत में भी लोगों को अच्छा लगेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘रवांडा के आर्थिक विकास की दिशा में एक परिवर्तनकारी परियोजना का हिस्सा बना! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवेरू गांव में गिरिनका- एक गाय प्रति गरीब परिवार कार्यक्रम के तहत 200 गायें दान में दी. गिरिनका एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जो गरीबों को पोषण और वित्तीय सुरक्षा दोनों ही मुहैया करता है.’’
Transforming lives in rural areas! More images of cow donation function under Rwanda's Girinka programme. Rwandan President @PaulKagame joined PM @narendramodi at the event. pic.twitter.com/xlVGYmrXNT
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 24, 2018
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि 'गिरिनका' शब्द का अर्थ है- 'क्या आपके पास के एक गाय है'. यह रवांडा में सदियों पुरानी एक सांस्कृतिक परंपरा को बयां करता है, जिसके तहत कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को एक गाय देता है. यह सम्मान और आभार के प्रतीक के तौर पर दिया जाता है.
बयान में कहा गया है कि बच्चों में कुपोषण अत्यधिक पाए जाने की प्रतिक्रिया में और गरीबी में तेजी से कमी लाने और खेती के साथ पशुपालन को समन्वित करने के लिए कागमे ने गिरिनका कार्यक्रम शुरू किया था.
यह कार्यक्रम इस अवधारणा पर आधारित है कि किसी गरीब व्यक्ति को दुधारू गाय देने से उसकी आजीविका में परिवर्तन आता है. खाद का उपयोग कर कृषि उत्पादकता बेहतर होती है जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार आता है. घास और पौधारोपण के जरिए मिट्टी के कटाव में कमी आती है.
गिरिनका कार्यक्रम शुरू होने के बाद से हजारों लोगों को इसके तहत गायें प्राप्त हुई हैं. इस कार्यक्रम ने रवांडा में कृषि उत्पादन, खासतौर पर दूध उत्पादन में वृद्धि की है. इसके साथ ही कुपोषण में कमी की है और आय में इजाफा किया है.