PM Modi Guarat Visit: अपने गुजरात दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 36वें राष्ट्रीय खेलों (National Games) का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘पिछले आठ साल में खेलों से भ्रष्टाचार (Corruption) और परिवारवाद (Familyism) को मिटाकर युवाओं में उनके सपनों को लेकर भरोसा जगाया गया है. खेल की दुनिया में यह सामर्थ्य दिखाने की क्षमता देश में पहले भी थी और ये विजय अभियान पहले भी शुरू हो सकता था लेकिन खेलों में पेशेवरपन की जगह परिवारवाद और भ्रष्टाचार ने ले रखी थी. हमने व्यवस्था की सफाई कर दी.’
खेलों को देश के युवाओं की ऊर्जा का स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, ‘खिलाड़ियों की जीत और उनका दमदार प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में भी देश की जीत का रास्ता बनाती है. किसी भी देश की प्रगति उसके सम्मान का खेलों में उसकी सफलता से सीधा संबंध होता है. राष्ट्र को नेतृत्व देश का युवा देता है और खेल उस युवा की ऊर्जा का, उसके जीवन निर्माण का प्रमुख स्रोत है. दुनिया में जो देश विकास और अर्थव्यवस्था में शीर्ष पर हैं, उनमें से ज्यादातर खेलों की पदक तालिका में भी शीर्ष पर होते हैं.’
राष्ट्रीय खेलों से सीधा जुड़ाव अभूतपूर्व है
36वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करते हुए पीएम ने कहा, ‘देश के 36 राज्यों से 7000 से ज्यादा एथलीट और 15000 से ज्यादा प्रतिभागी, 35000 से ज्यादा कॉलेज, विश्वविद्यालय और विद्यालयों की सहभागिता और 50 लाख से ज्यादा छात्रों का राष्ट्रीय खेलों से सीधा जुड़ाव अभूतपूर्व है. राष्ट्रीय खेलों का यह मंच आप सभी के लिए एक नए लांचिंग पैड का काम करेगा.’
मूड नया है और माहौल नया है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘खेल के मैदान में खिलाड़ियों की जीत, उनका दमदार प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में देश की जीत का भी रास्ता बनाता है. खेलों की सॉफ्ट पावर देश की छवि को कई गुना ज्यादा बेहतर बना देती है. आजादी के अमृतकाल में देश ने इसी हौसले के साथ नए भारत के निर्माण की शुरुआत की है. एक समय हमारे यहां खेल बरसों तक सिर्फ सामान्य ज्ञान के विषय तक समेट दिए गए थे लेकिन अब मिजाज बदला है, मूड नया है और माहौल नया है.’
खेलों में पदकों की संख्या लगातार बढ़ रही है
उन्होंने कहा, ‘2014 से फर्स्ट और बेस्ट का जो सिलसिला शुरू हुआ है, युवाओं ने वह जलवा खेलों में भी कायम रखा है. आठ साल पहले तक भारत के खिलाड़ी सौ से भी कम अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लेते थे लेकिन अब 300 से भी ज्यादा में भाग ले रहे हैं. भारत के पदकों की संख्या भी बढ़ रही है और दमक भी. आज फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे प्रयास एक जन आंदोलन बन गए हैं और पिछले आठ साल में देश का खेल बजट करीब 70 प्रतिशत बढा है.‘
शुभंकर सावज की सराहना
उन्होंने खिलाड़ियों से जीत हार की परवाह किए बिना खेलभावना से खेलने का आग्रह करते हुए कहा, ‘आप सभी खिलाड़ियों को मैं एक मंत्र और देना चाहता हूं. अगर आपको ‘कॉम्पीटिशन’ जीतना है तो आपको ‘कमिटमेंट’ और ‘कंटिन्यूटी’ में जीना सीखना होगा. हार जीत को आखिरी नहीं माने और खेलभावना को जीवन का हिस्सा बनाएं.’
राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर ‘सावज’ की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘गिर के शेरों को प्रदर्शित करता राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर सावज भारत के युवाओं की निडरता को दिखाता है. वैश्विक परिदृश्य में तेजी से उभरते भारत के सामर्थ्य का भी प्रतीक है.’
नीरज चोपड़ा की तारीफ की
वडोदरा में गरबा पांडाल में कल ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की मौजूदगी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘गुजरात में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना से लेकर गरबा तक यहां की अपनी अलग पहचान है. दूसरे राज्यों से आए खिलाड़ियों से मैं कहूंगा कि खेल के साथ यहां नवरात्रि आयोजन का भी आनंद लें. मैने देखा है कि नीरज चोपड़ा कल कैसे गरबा का आनंद ले रहे थे. उत्सव की यही खुशी हम भारतीयों को जोड़ती है.’
कलारियापट्टू और योगासन बने राष्ट्रीय खेल का हिस्सा
पहली बार कलारियापट्टू और योगासन जैसे भारतीय खेल भी राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा है. प्रधानमंत्री ने इनका विशेष तौर पर जिक्र करते हुए कहा, ‘खेल हजारों वर्षों से भारत की सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा रहा है. अब कलारियापट्टू और योगासन जैसे भारतीय खेलों को भी महत्व मिल रहा है. इन खेलों के खिलाड़ियों से मैं कहना चाहता हूं कि आने वाले समय में जब इन खेलों को वैश्विक मान्यता मिलेगी तो इन क्षेत्रों में आपका नाम लिया जाएगा.’
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