अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल गुजरात के दौरे पर हैं. मोदी का ये दौरा इस बार राज्य के उत्तरी हिस्से पर केंद्रित है. मोदी कल सुबह दस बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे. यहां से वो सीधे डीसा के लिए रवाना हो जाएंगे, जो उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले का प्रमुख शहर है. यहां पर ग्यारह बजे के करीब पहुंच कर पीएम मोदी बनास डेरी के चीज प्लांट का रिमोट से उदघाटन करेंगे, जो करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है. यहां पर मोदी दूध की एक खास वेराइटी को भी लांच करेंगे, जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है.


मोदी डीसा में एयरपोर्ट के पास ही एक बड़ी सभा को भी संबोधित करने वाले हैं, जिसकी तैयारी में प्रदेश बीजेपी की इकाई पिछले एक हफ्ते से लगी हुई है और राज्य सरकार के एक मंत्री शंकर चौधरी यहां खास तौर पर डेरा डाले हुए हैं, जो बनास डेरी के अध्यक्ष भी हैं.


डीसा में सार्वजनिक सभा को संबोधित करने के दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब पीएम मोदी हेलिकॉप्टर से गांधीनगर के लिए रवाना होंगे. गांधीनगर हेलिपैड से वो बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय कमलम जाएंगे, जहां दोपहर बाद डेढ़ बजे से तीन बजे के बीच वो पार्टी के प्रमुख अधिकारियों से मिलेंगे, जिसमें गुजरात बीजेपी के सभी विधायकों के अलावा प्रदेश इकाई और सभी जिला इकाइयों से जुड़े अधिकारी होंगे.
राज्य के तमाम बोर्ड और निगमों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को भी इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. मोदी इन सभी को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ये पहला ही मौका होगा, जब मोदी बीजेपी के गुजरात मुख्यालय में पार्टी के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने वाले हैं, जिसे स्नेह मिलन का नाम दिया गया है.


पीएम मोदी इस बैठक के दौरान न सिर्फ नोटबंदी के फायदे को जनता के बीच ले जाने के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई को सीख देंगे, बल्कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भी संगठन में जान फूंकेंगे. अगर चुनाव रुटीन में हुए, तो ये अगले साल नवंबर-दिसंबर महीने में होंगे. बीजेपी और खास तौर पर मोदी के लिए ये चुनाव काफी अहम हैं. बीजेपी 1995 से गुजरात में लगातार विधानसभा चुनाव जीतती आ रही है, जिसमें से 2002, 2007 और 2012 के चुनाव बतौर मुख्यमंत्री मोदी की अगुआई में ही लड़े गये. ऐसे में 2017 में पार्टी जब चुनाव मैदान में उतरेगी, उसके पास 22 साल की एंटी इनकंबेंशी को पार पाने की चुनौती होगी. इन सबके लिए पार्टी सबसे अधिक पीएम मोदी पर ही निर्भर होगी.


पार्टी के सामने दूसरी चुनौती, पाटीदार और दलित समुदाय की नाराजगी को भी दूर करने की है. पाटीदार समुदाय का एक हिस्सा हार्दिक पटेल की अगुआई में जहां ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग को लेकर पिछले एक साल से आंदोलन कर चुका है, तो राज्य का दलित समुदाय उना में दलित युवकों की पिटाई के मामले से आहत होकर विरोध प्रदर्शन कर चुका है.


मोदी को 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव को जीतने की कड़ी चुनौती का अंदाजा है, इसलिए पिछले कुछ महीनों में वो लगातार अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिये गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में जा रहे हैं. जहां सौनी सिंचाई योजना के उदघाटन के तहत वो सौराष्ट्र के राजकोट और जामनगर इलाके मे गये, तो आदिवासियों और विकलांगों से जुड़ी परियोजनाओं के उदघाटन के तहत मध्य और दक्षिण गुजरात के दो प्रमुख जिलों दाहोद और नवसारी में गये. इस बार के दौरे में मोदी उत्तर गुजरात पर अपना फोकस बना रहे हैं, जहां के मेहसाणा जिले से वो खुद आते हैं. माना जा रहा है कि पीएम मोदी मोदी डीसा की जनसभा के दौरान न सिर्फ नोटबंदी के फायदे गिनाएंगे, बल्कि किसानों के लिए कुछ योजनाओं को भी सामने रखेंगे. जाहिर है, मोदी की मंशा गुजरात में विधानसभा चुनाव आने के पहले न सिर्फ पार्टी संगठन में जान फूंक देने की है, बल्कि राज्य की जनता की नब्ज पूरी तरह टटोल लेने की है, जिस पर उनकी मास्टरी से विपक्षी पार्टियां और नेता भी इंकार नहीं करते. इसीलिए पिछले कुछ महीनों में गृह राज्य गुजरात में बढ़ गये हैं पीएम मोदी के दौरे.