नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ फोन पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने सामयिक घटनाक्रमों, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच जारी सहयोग की समीक्षा की. उन्‍होंने कोविड-19 चुनौतियों के संदर्भ सहित संबंधित अधिकारियों के बीच नियमित संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की. प्रधानमंत्री ने भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में श्रीलंका के महत्‍व को दोहराया.


प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान में बताया गया है कि दोनों नेताओं ने संबंधित अधिकारियों के बीच नियमित संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की. दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमति जताई. बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने कई ज्वलंत घटनाक्रमों पर चर्चा की और द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच जारी सहयोग की समीक्षा की.





इस बीच टेलीफोन कॉल के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति गोटबाया आर के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई. हमने कोविड-19 समेत हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. ’’ पीएमओ ने बयान में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है.


बता दें कि भारत ने 'वैक्सीन मैत्री' अभियान के श्रीलंका को पांच लाख कोविड-19 रोधी टीके की खुराक मुहैया कराई है. इसके अलावा भूटान को 1.5 लाख, मालदीव, मॉरीशस और बहरीन को एक लाख, नेपाल को 10 लाख, बांग्लादेश को 20 लाख, म्यांमा को 15 लाख, सेशल्स को 50 हजार टीके की खुराक मुहैया कराई है. इसके अलावा अनेक देशों को टीके की वाणिज्यिक आपूर्ति भी की गई है.


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