PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को झांसी में 3,425 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले कई डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की. झांसी में बुधवार से शुरू हुए तीन दिवसीय 'राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व' के समापन समारोह में प्रधानमंत्री ने जिले के गरौठा में 600 मेगावॉट के अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क की आधारशिला रखी, जिसका निर्माण करीब 3,013 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. इससे सस्ती बिजली और ग्रिड को स्थिरता पाने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री मोदी ने औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना को एचएएल के हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए बीईएल-निर्मित एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और सेना को भारतीय स्टार्टअप द्वारा विकसित ड्रोन / यूएवी सौंपे.
प्रधानमंत्री मोदी ने 'उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर' के झांसी नोड पर 400 करोड़ रुपये की परियोजना की भी आधारशिला रखी. एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम का प्रोडक्शन करने के लिए एक प्लांट बनाने के मकसद से ‘भारत डायनामिक्स लिमिटेड’ एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. झांसी में प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को 'अटल एकता पार्क' का उद्घाटन किया. दिवंगत पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बना यह पार्क करीब 40,000 वर्ग मीटर में फैला है. इसके निर्माण में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत आई है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि पार्क में एक लाइब्रेरी और वाजपेयी की एक प्रतिमा भी होगी. पीएमओ के अनुसार, इस प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने किया है, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के भी निर्माता हैं. प्रधानमंत्री मोदी वीरता और साहस की प्रतिमूर्ति, राष्ट्र रक्षा और भारत के स्वतंत्रता संग्राम की महान राष्ट्रीय प्रतिमूर्ति रानी लक्ष्मी बाई के जन्मदिन पर यहां झांसी किले के प्रांगण में बुधवार से चल रहे तीन दिवसीय भव्य समारोह 'राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व' के समापन समारोह में हिस्सा लेने झांसी आए हैं.
भाषण में क्या बोले पीएम
भाषण में पीएम ने कहा, लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है. लेकिन आज देश का मंत्र है- Make In India, Make for world. आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है. मेरे पीछे ये ऐतिहासिक झांसी का किला, इस बात का जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा. रानी लक्ष्मीबाई के पास अगर अंग्रेजों के बराबर संसाधन और आधुनिक हथियार होते, तो देश की आज़ादी का इतिहास शायद कुछ और होता. उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के एडमिशन की शुरुआत की है. 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से गर्ल्स स्टूडेंट्स के एडमिशन शुरू भी हो गए हैं.
उन्होंने कहा, सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी. आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है. ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरुआत होगी, ये आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे.
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