असम विधानसभा चुनाव को लेकर जोर-शोर से सभी दलों की ओर से प्रचार किया रहा है. शनिवार को असम के चबुआ में रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि एक चायवाला आपके दर्द को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा. पीएम ने कहा- मैं आपको यह आश्वस्त करता हूं कि एनडीए सरकार चाय बागान में काम करने वाले श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करेगी.
पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा- कांग्रेस ने उन पार्टियों के साथ हाथ मिला लिया है जो असम की संस्कृति और विरासत के लिए खतरा है. असम के हर हिस्से का विकास बीजेपी सरकार की प्राथमिकता है. हम राज्य की संस्कृति और विरासत को सुरक्षित रखने के प्रति संकल्पित है.
पीएम मोदी ने कहा- कांग्रेस असम की जनता से बहुत दूर चली गई है. कुछ दिन पहले उन्होंने श्रीलंका की फोटो को शेयर करते हुए बताया कि वह असम की है. यह असम की खूबसूरती के प्रति नाइंसाफी और अपमान है.
उन्होंने कहा- “मुझे यह देखकर दुख हुआ कि जिस कांग्रेस पार्टी ने देश पर 50-55 साल तक राज किया, उसने उन लोगों का समर्थन किया जो भारत की चाय की छवि को बर्बाद कर देना चाहते थे. क्या आप उस पार्टी को माफ करोगे? क्या उन्हें सजा मिलनी चाहिए या नहीं?”
प्रधानमंत्री ने कहा- "असम की चाय को बदनाम करने के लिए टूलकिट सर्कुलेट किया गया. कांग्रेस पार्टी ने उन टूलकिट बनानेवालों का समर्थन किया और उसके बाद असम में वोट मांगने का उसे साहस है. क्या हम इसे भूल सकते हैं?"
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