Indian Canada Conflict: इटली के अपुलिया में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वापस भारत पहुंच चुके हैं. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ-साथ अन्य दूसरे देशों के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से पीएम मोदी ने इस मामले में दूरी बनाए रखी.


पीएम मोदी के इस कदम को भारत और कनाडा के संबंधों में तल्खी से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, दोनों देशों के बीच खालिस्तान के मुद्दे को लेकर कई सालों से तनाव है. ये तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था जब ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत माथे मढ़ दिया. भारत ने ट्रूडो के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. हालांकि कनाडा इसको लेकर अभी तक सबूत पेश नहीं कर पाया है.


जी7 में किन नेताओं से मिले पीएम मोदी?


मोदी ने तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी की तीनों नेताओं के साथ 'शानदार बातचीत' हुई. उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से भी मुलाकात की.


उन्होंने कहा, 'भारत जॉर्डन के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देता है.' शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन के अंत में जारी बयान में सात औद्योगिक देशों के समूह ने शुक्रवार को भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसे ठोस बुनियादी ढांचे की पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई.


जी7 में यूक्रेन को दिया गया समर्थन


जी7 ने कानून के शासन के आधार पर “स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत” के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई. बयान में कहा गया है, “साझा जिम्मेदारी की भावना से, हम अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं की भागीदारी का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं.” इसमें कृत्रिम मेधा, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर विषय पर संवाद सत्र का संदर्भ भी था जिसे मोदी ने संबोधित किया. शिखर सम्मेलन के एजेंडे की अन्य प्राथमिकताओं के अलावा, बयान में रूस के साथ चल रहे संघर्ष में यूक्रेन को 'मजबूत समर्थन' दिया गया है.  


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