नई दिल्ली: चीनी सेनाओं के साथ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प के 18 दिन बाद स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह लेह पहुंचे. पीएम ने नीमू में सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की. अब पीएम के इस दौरे पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सबसे पहले अपनी प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लेह दौरे की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "जब इंदिरा गांधी ने लेह का दौरा किया था, तो पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया था. अब देखते हैं कि पीएम मोदी क्या करते हैं?"
बता दें, इंदिरा गांधी की ये तस्वीर साल 1971 की है. तब इंदिरा गांधी ने लेह में सैनिकों को संबोधित किया था, जो कि गलवान घाटी से करीब 220 किलोमीटर दूर है. 1971 में ही भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था और बाद में बांग्लादेश का जन्म हुआ था. इंदिरा की ये तस्वीर काफी दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
अचानक लेह पहुंचे पीएम मोदी
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अचानक लेह पहुंच गए. मोदी ने नीमू में पहुंचकर सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की. ये जगह 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह सिंधु के तट पर जांस्कर रेंज से घिरा हुआ है. 15 जून को नदी के दक्षिणी तट पर ही गलवान में टकराव हुआ था.
हालांकि, चीनी पक्ष ने अभी तक अपनी तरफ से मारे गए लोगों की संख्या का खुलासा नहीं किया है. चीनी सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया गया था. 1975 के बाद से चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हुए संघर्षो में यह पहला मौका था जब भारतीय सेना को अपने जवानों की शहादत झेलनी पड़ी है.
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