PM Modi Madhya Pradesh Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं. पीएम मोदी ने शनिवार (1 जुलाई) को शहडोल में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन लांच किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि विपक्षी दल देशविरोधी लोगों के साथ खड़े हैं.
पीएम मोदी ने कांग्रेस को लेकर कहा, ''गारंटी की इस चर्चा के बीच आपको झूठी गारंटी देने वालों से भी सावधान रहना है. जिन लोगों की अपनी कोई गारंटी नहीं है, वो आपके पास गारंटी वाली नई-नई स्कीम लेकर आ रहे हैं. उनकी गारंटी में छिपे खोट को पहचान लीजिए. झूठी गारंटी के नाम पर चल रहे उनके धोखे के खेल को भांप लीजिए.''
विपक्षी एकजुटता पर क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, ''आज वे (विपक्षी दल) एक साथ आने का दावा कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनके पुराने बयान वायरल हो रहे हैं. वे हमेशा पानी पीकर एक दूसरे को कोसते रहे हैं यानी कि विपक्षी एकजुटता की गारंटी नहीं है. ये परिवारवादी पार्टियां सिर्फ अपने परिवार के भले के लिए काम करती आईं हैं. जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं वे जमानत पर बाहर घूम रहे हैं. घोटालों के आरोप में सजा काटने वाले एक मंच पर दिख रहे हैं. वे देशविरोधी तत्वों के साथ बैठक कर रहे हैं.''
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में 23 जून को पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीएम ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार सहित कई नेता पहुंचे थे.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे रानी दुर्गावती जी की इस पावन धरती पर आप सभी के बीच आने का सौभाग्य मिला है. मैं रानी दुर्गावती जी के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं. उनकी प्रेरणा से आज सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन अभियान की शुरुआत हो रही है.
उन्होंने कहा कि आज ही मध्य प्रदेश में 1 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी दिए जा रहे हैं. इन दोनों ही प्रयासों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गोंड समाज, भील समाज और अन्य हमारे आदिवासी समाज के लोग ही हैं.
पीएम मोदी ने आदिवासी वर्ग को लेकर क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि शहडोल की इस धरती पर देश बहुत बड़ा संकल्प ले रहा है. ये संकल्प हमारे देश के आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को सुरक्षित बनाने का संकल्प है. ये संकल्प है सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से मुक्ति का. ये संकल्प है हर साल सिकल सेल एनीमिया की गिरफ्त में आने वाले 2.5 लाख बच्चों और उनके परिवारजनों के जीवन बचाने का है.
उन्होंने दावा किया कि देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है. उन्होंने कहा कि सिकल सेक एनीमिया जैसी बीमारी बहुत कष्टदायी होती है.
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