बता दें कि बिम्सटेक बैठक का आज दूसरा और अंतिम दिन है. करीब 400 लोगों के ठहरने की व्यवस्था वाले इस धर्मशाला के निर्माण में मदद का ऐलान भारत ने 2014 में पीएम मोदी का पहली नेपाल यात्रा का दौरान किया था. काठमांडू के तिलगंगा इलाके में बनी इस धर्मशाला के निर्माण के लिए भारत ने नेपाल को करीब 25 करोड़ रुपये की मदद भी दी थी. जुलाई 2016 में इसके निर्माण कार्य के करारनामे पर दस्तखत हुए थे और दो साल के भीतर इसे तैयार कर लिया गया.
वहीं बिमस्टेक की बैठक में आज सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, आपदाओं के अलावा कारोबार और कनेक्टिविटी से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जायेगा. सात देश के इस समूह में सार्क के पांच देश-बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं. इनके अलावा आसियान के दो देश म्यांमार और थाईलैंड भी इसके सदस्य हैं.
आतंकवाद से मुकाबला सभी बिम्सटेक देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है. गोवा में वर्ष 2016 में संपन्न बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में आतंकवाद से मुकाबले पर विचार विमर्श हुआ था. उस बैठक में जोर दिया गया था कि आतंकवादी गतिविधियों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता. आतंकवाद का विषय तब से राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों और अन्य क्षेत्रीय बैठकों में चर्चा से संबंधित महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है.
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