Veer Bal Diwas: वीर बाल दिवस पर बोले पीएम मोदी- ये अतीत और आने वाले भविष्य को पहचानने की क्षमता देगा
PM on Veer Bal Diwas: पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था की प्रतीक नहीं है, वो देश की आन बान शान के भी प्रतीक है. राष्ट्र प्रथम का संकल्प का गुरु गोबिंद सिंह का था.
![Veer Bal Diwas: वीर बाल दिवस पर बोले पीएम मोदी- ये अतीत और आने वाले भविष्य को पहचानने की क्षमता देगा PM Modi in Program To Mark Veer Bal Diwas at Major Dhyan Chand Stadium in Delhi Veer Bal Diwas: वीर बाल दिवस पर बोले पीएम मोदी- ये अतीत और आने वाले भविष्य को पहचानने की क्षमता देगा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/26/25bcea8238b49db11cf46e59141ce93e1672044620209282_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
PM Modi on Veer Bal Diwas: आज देश 'वीर बाल दिवस' मना रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे. गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की याद में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने वीर साहिबजादों के चरणों में नमन करते हुए कहा कि देश के स्वाभिमान के लिए उन्होंने बलिदान दिया. पीएम मोदी ने कहा कि शहीदी सप्ताह और वीर बाल दिवस हमारी सिख परंपरा के लिए भावों से भरा जरूर है, लेकिन इससे आकाश जैसी अनंत प्रेरणा जुड़ी हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें याद दिलाएगा कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय उम्र मायने नहीं रखती है. ये याद दिलाएगा कि दस गुरुओं का योगदान क्या है
युवा पीढ़ी देश को आगे ले जा रही-PM
पीएम मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस हमें अपने अतीत को पहचानने और आने वाले भविष्य को पहचानने की क्षमता देगा. वीर बाल दिवस आने वाले दशकों के लिए उद्घोष करेगा. मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि 26 दिसम्बर को मुझे यह दिन वीर बाल दिवस घोषित करने का मौका मिला. जिस पीढ़ी के युवा जोर जुल्म के आगे झुक जाते हैं, वो हमेशा के लिए गिर जाते हैं. भारत की युवा पीढ़ी भी देश को आगे ले जाने के लिए निकल पड़ी है.
'धार्मिक कट्टरताओं के खिलाफ खड़े रहे गुरु'
पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने आगे कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था की प्रतीक नहीं है, वो देश की आन बान शान के भी प्रतीक है. राष्ट्र प्रथम का संकल्प का गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) का था. हमारे गुरु धार्मिक कट्टरताओं के खिलाफ हमेशा खड़े रहें. भारत की हर पीढ़ी के लिए यहां प्रेरणा का स्रोत यही हैं. नया भारत पहले की भूलों को सुधारने का काम कर रहा है. एक ओर मजहबी उन्माद और दूसरी ओर सब में ईश्वर देखने वाली उदारता. इस सबके बीच एक ओर लाखों की फौज और दूसरी ओर अकेले होकर भी निडर वीर साहिबजादे. ये साहिबजादे किसी से डरे और झुके नहीं.
बता दें कि इस साल 9 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को सिख गुरु के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)