पढ़ें और समझें: PM मोदी का बंगाल की दुर्गा पूजा में शामिल होने के क्या हैं राजनीतिक मायने?
लोकसभा चुनाव में बीजेपी पहले ही सत्तारूढ़ टीएमसी को कड़ी चुनौती दे चुकी है. अब दुर्गा पूजा के बहाने बीजेपी ने बंगाल में एक बार फिर अपनी राजनीति चमका ली है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा में शामिल हुए. इसी के साथ पीएम मोदी ने बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान की शुरुआत भी कर दी है. चुनाव के दौरान बंगाल की राजनीति में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व रहता है, क्योंकि चुनाव से पहले लोगों से सीधा संपर्क साधने के लिए राजनीतिक दलों को इससे बेहतर मौका नहीं मिलता है. संकेत साफ है कि बंगाल में बीजेपी अपनी राजनीति चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती.
पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के लिए सभी 294 विधानसभा सीटों पर बंगाल में भव्य तैयारी की गई. 78 हजार पोलिंग बूथ के जरिए बंगाल के करीब 20 लाख कार्यकर्ताओं तक मोदी की पूजा के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई. आयोजकों ने इस कार्यक्रम की ऐसी व्यवस्था की कि बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता ने बंगाल की दुर्गा पूजा को देखा. टीएमसी ने आरोप लगाया कि ये व्यवस्था मां दुर्गा के दर्शन के लिए नहीं, बल्कि पीएम मोदी के दर्शन के लिए की गई.
ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती ये तो साफ है कि बंगाल में बीजेपी की मजबूती ममता बनर्जी की पार्टी के लिए चुनौती है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी पहले ही सत्तारूढ़ टीएमसी को कड़ी चुनौती दे चुकी है. अब दुर्गा पूजा के बहाने बीजेपी ने बंगाल में एक बार फिर अपनी राजनीति चमका ली है.
हालांकि ममता बनर्जी भी बंगाल में पूजा पंडालों के जरिए अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने में लगी हुई हैं. वह उत्तर बंगाल में अब तक 70 से ज्यादा पंडालों का डिजिटली उद्घाटन कर चुकी हैं. दुर्गा पूजा बंगाल की संस्कृति और विरासत का हिस्सा माना जाता है.
क्या बिहार चुनाव भी है निशाना ? प्रधानमंत्री आज भले ही बंगाल की दुर्गा पूजा में शामिल हुए, लेकिन इसका असर सीधे बिहार में भी दिखाई देगा, क्योंकि धर्म एकता के सूत्र में बांधता है. दरअसल, 1894 में बाल गंगाधर तिलक ने गणेश उत्सव की शुरुआत की थी. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए महाराष्ट्र में पूजा पंडाल लगाने शुरू किए थे. यही पूजा पंडाल बीजेपी को लग रहा है कि बंगाल में उनके लिए संजीवनी साबित होंगे.
23 अक्तूबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में जनसभाएं शुरू हो रही हैं. 28 अक्टूबर को बिहार में पहले चरण की वोटिंग है. खास बात ये है कि बिहार में भी दुर्गा पूजा का बहुत महत्व है. जैसे बंगाल में दुर्गा मां के पंडाल की पूजा दुनियाभर में मशहूर है. वैसे ही बंगाल से लगे हुए पूर्वी बिहार के इलाके में भी दुर्गा पूजा के पंडाल बड़ी तादाद में लगाए जाते हैं. नवरात्रों के दौरान बिहार में भी मां दुर्गा के बड़े-बड़े पंडाल सजते हैं और लोग उन पंडालों की पूजा अर्चना करते हैं.
पंडालों के जरिए राजनीतिक संदेश बंगाल में पीएम मोदी ने ये संदेश देने की कोशिश की है कि वह शक्ति के उपासक हैं. बिहार में भी शक्ति की उपासना होती है. प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से पश्चिम बंगाल की जनता को संबोधित करते हुए कहा, "मेरे भाइयों और बहनों आज भक्ति की शक्ति ऐसी है, जैसे लग रहा है कि मैं दिल्ली में नहीं लेकिन आज मैं बंगाल में आप सभी के बीच उपस्थित हूं. जब आस्था अपरम्पार हो, मां दुर्गा का आशीर्वाद हो, तो स्थान, स्थिति, परिस्थिति, से आगे बढ़कर पूरा देश ही बंगालमय हो जाता है."
कोरोना काल में भले ही सीमित पंडालों को ही अनुमति दी गई है लेकिन पंडालों के जरिए राजनीतिक संदेश देने की कोशिश पूरी हो रही है. ये सबसे कोशिश बंगाल के जरिए बिहार तक पहुंचाने की भी है.
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