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बेईमानों की बर्बादी का वक्त शुरू, 50 दिन बाद ईमानदारों की तकलीफ घटेगी-पीएम
नई दिल्ली: पीएम मोदी ने मुंबई के समंदर में बनने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे स्मारक की नींव रखी. इसके बाद वहीं से बेईमान लोगों को कड़ा संदेश दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि बेईमानों की बर्बादी का वक्त अब शुरू हो गया है. 50 दिन बाद ईमानदारों की तकलीफ घटेगी और बेईमानों की तकलीफ बढ़ेगी. आप सुधर जाइए, लौट आइए.
LIVE UPDATE:
-50 दिन के बाद ईमानदार लोगों की तकलीफ कम होगी और बेइमानों की बढ़नी शुरू होगी-पीएम मोदी
-अरे काले गोरे के खेल वाले आप तो मरे उन बैंक वालों को भी मरवा दिया-पीएम मोदी
-कष्ट के बाद भी देश के लोग मेरे साथ हैं-पीएम मोदी
-भ्रष्टाचार और कालेधन पर हमला है नोटबंदी-पीएम
-कौन कहता है देश बदल नहीं सकता, सवा सौ करोड़ की जनता के विश्वास के दम पर मैं कहता हूं देश बदल सकता है-पीएम मोदी
-हमने 1 हजार दिनों में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का वादा किया है-पीएम मोदी
-हमने गरीबों को सस्ते में दवा दिलाने के लिए कदम उठाए ताकि उसका शोषण ना हो-पीएम मोदी
-सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे 5 करोड़ लोगों को गैस सिलेंडर देने का बीड़ा उठाया है-पीएम मोदी
-विकास को हमने केंद्र बिन्दु में रखा है, विकास वही है जिससे गरीबों की जिंदगी बदले--पीएम मोदी
-मध्यमवर्गीय परिवार को आगे बढ़ना है तो विकास ही अवसर देगा-पीएम मोदी
-शिवाजी सिर्फ तलवार-युद्ध तक सीमित नहीं थे बल्कि उन्होंने किसानों को भी साथ लिया-पीएम मोदी
-दुनिया का सबसे आईकोनिक बिल्डिंग हमारे पास है-पीएम मोदी
-भारत में कई किले हैं लेकिन हम ताजमहल से आगे नहीं बढ़ सके-पीएम मोदी
-शिवाजी ने कभी भी विदेशी व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया-पीएम मोदी
-शिवाजी ने भारत के इतिहास में सुशासन का अध्याय लिखा-पीएम मोदी
-शिवाजी प्रतिमा पर देश को गर्व होगा.
-कम से कम पेंशन 1000 रुपये कर दी.
-हमने 1000 दिन में 18000 गांव रोशन किए.
-देश बदलेगा भी, देश बढ़ेगा भी.
-आज भी हिंदुस्तान के इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए शिवाजी महाराज का वाटर मैनेजमेंट प्रेरणा देता है.
-शिवाजी जानते थे कि अगर मुद्रा पर किसी का अध्ािकार हो गया, तो शासन को पराजित होने में देर नहीं लगती, और उन्होंने विदेशी सहायता के बिना खुद सिक्के बनाने की व्यवस्था खड़ी की.
-खुद पीएम मोदी ने भूमि पूजन किया है. पीएम नरेंद्र मोदी आज मुंबई के दौरे पर
स्मारक की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्मारक को बनाने में आने वाला खर्च 3 हजार 6 सौ करोड़ रुपए है. महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव होने जा रहे हैं ऐसे में इस स्मारक को लेकर राजनीति शुरु हो गई है.
शिवाजी का ये स्मारक मुंबई के अरब सागर में समंदर तट से डेढ़ किलोमीटर अंदर होगा. स्मारक में छत्रपति शिवाजी की विशालकाय मूर्ति होगी. जिसकी ऊंचाई घोड़े समेत 192 मीटर यानी 630 फीट होगी. सिर्फ शिवाजी के पुतले की ही ऊंचाई करीब 114 मीटर यानी करीब 375 फीट है. 32 एकड़ के चट्टान पर स्मारक तैयार किया जाएगा जहां 10 हजार लोग एक साथ विजिट कर सकते हैं.
आपको बता दें कि शिवाजी की इस मूर्ति की तुलना पूरी दुनिया में मशहूर न्यू यॉर्क के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी की जा रही है. जिसकी कुल ऊंचाई करीब 93 मीटर है. ऊंचाई के लिहाज से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से काफी ऊंची होगी शिवाजी की मूर्ति. यही नहीं स्मारक पर मंदिर, लाइब्रेरी, एम्पीथिएटर, फूड कोर्ट, ऑडियो गायडेड टुअर जैसी सुविधाएं भी होंगी. इस भव्य स्मारक का कुल खर्च आंका गया है करीब 3600 करोड़ रुपये.
शिवाजी की मूर्ति को डिजाइन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है मशहूर शिल्पकार और पद्मभूषण राम सुतार को. जिन्होंने इससे पहले स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी यानी सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति का डिजाइन भी तैयार किया था.
विपक्ष का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव को देखते हुए बीजेपी शिवाजी के स्मारक पर राजनीति कर रही है. खास बात ये है कि पिछले कुछ महीने से मराठा समाज ने राज्य में आंदोलन खड़ा कर रखा है. आरक्षण का ये मामला कोर्ट में लंबित है. जानकार मान रहे है की स्मारक की आड़ में बीजेपी मराठाओं को लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बीजेपी का साफ कहना है कि स्मारक राजनीतिक एजेंडा नहीं है.
कांग्रेस का ये भी कहना है कि शिवाजी के स्मारक का प्रोजेक्ट कांग्रेस का ही था जिसे बीजेपी ने हथिया लिया है. स्मारक पर होने वाले खर्च को लेकर कई एक्टिविस्ट सवाल भी उठा रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार करिश्मा उपाध्याय ने स्मारक के विरोध में ऑनलाइन पिटीशन भी दाखिल की है. सवाल उठाने वालों का तर्क है कि इस प्रोजेक्ट की लागत BMC के एक साल के स्वास्थ्य बजट के बराबर है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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