Central Vista Avenue Inauguration: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन किया. इसे अब 'कार्तव्य पथ' (Kartavya Path) के नाम से जाना जाएगा. पीएम मोदी ने इस दौरान इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की प्रतिमा का अनावरण भी किया. पीएम मोदी ने दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास परियोजना में शामिल कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की.
पीएम ने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान 'श्रमजीवी' से कहा कि वह 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड के लिए सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास परियोजना पर काम करने वाले सभी लोगों को आमंत्रित करेंगे. पीएम ने नए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पर प्रदर्शनी भी देखी. सेंट्रल विस्टा एवेन्यू राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैला हुआ है. यहां गणतंत्र दिवस परेड सहित कई प्रमुख कार्यक्रम आयोजित होते हैं.
कर्तव्य पथ के रूप में एक नए युग की शुरुआत- पीएम
पीए मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम पर पूरे देश की दृष्टि है. सभी देशवासी इस समय, इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं. मैं इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन रहे सभी देशवासियों का हृदय से स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं. आजादी के अमृत महोत्सव में, देश को आज एक नई प्रेरणा मिली है, नई ऊर्जा मिली है. आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं.
"गुलामी का प्रतीक किंग्सवे आज से इतिहास"
उन्होंने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानि राजपथ, आज से इतिहास की बात हो गया है, हमेशा के लिए मिट गया है. उपनिवेशवाद के एक और प्रतीक से बाहर आने पर मैं देश के सभी लोगों को बधाई देता हूं. पिछले 8 सालों में हमने कई ऐसे फैसले लिए हैं जिन पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की छाप थी. वह 'अखंड भारत' के पहले प्रमुख थे जिन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है. गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी. आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है.
"नेताजी की राह पर नहीं चला देश"
पीएम ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे. उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि, पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था. उनमें साहस था, स्वाभिमान था. उनके पास विचार थे, विजन था. उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं. अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता, लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया. उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया.
पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी. इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला. आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश ने अपने लिए 'पंच प्राणों' का विजन रखा है. इन पंच प्राणों में विकास के बड़े लक्ष्यों का संकल्प है, कर्तव्यों की प्रेरणा है. इसमें गुलामी की मानसिकता के त्याग का आहृवान है. अपनी विरासत पर गर्व का बोध है.
श्रमजीवी 26 जनवरी को मेरे विशिष्ट अतिथि होंगे- पीएम
पीएम ने कहा कि आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदल चुका है. भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है. कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है, ये भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. वे (श्रमजीवी) जिन्होंने सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए यहां काम किया है, वे 26 जनवरी को मेरे विशिष्ट अतिथि होंगे.
आईएनए से जुड़े परिवार भी रहे मौजूद
इस कार्यक्रम के दौरान कई केंद्रीय मंत्रियों समेत गणमान्य लोग भी मौजूद रहे. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर इंडियन नेशनल आर्मी से जुड़े सिपाहियों के परिवारों को आमंत्रित किया गया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ काम करने वाले आर माधवन ने बताया कि उनके लिए खुशी का मौका है (रोते हुए), ये पीएम मोदी ही कर सकते थे, पीएम मोदी की जय हो. वहीं आईएनए में रहे कर्नल ढिल्लन के बेटे कहते हैं कि देश की तस्वीर बदल रही है. लोगों को नेता जी के रास्ते पर चलना चाहिए.
"आज सही मायने में देश आजाद हुआ"
नेता जी के पीआरओ रहे सैनी साहब के बेटे सुरिंदर सैनी (रोते हुए) कहते हैं कि आज सही मायने में देश आजाद हुआ है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि वर्षों से लोगों का एक वर्ग था जो देश पर शासन कर रहा था और चाहता था कि केवल सीमित संख्या में लोगों को ही याद किया जाए. पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं को हमारे इतिहास के कोने-कोने में धकेला जाता था. हमें देश के लिए लड़ने वाले लोगों को सम्मान देने की जरूरत है.
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