PM Modi Speech: 'यह केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं', कर्तव्य पथ के उद्घाटन के बाद बोले पीएम मोदी, भाषण की 10 बड़ी बातें
Kartvya Path: पीएम मोदी ने कहा कि आज इंडिया गेट के समीप राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है. गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की मूर्ति लगी हुई थी.
PM Modi Speech Highlights: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद 'कर्तव्य पथ' (Kartavya Path) का उद्घाटन किया. एक दिन पहले ही नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉपोरेशन ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. बता दें कि राजपथ राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का रास्ता है, जिसकी लंबाई 3.20 किलोमीटर हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया. आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें.
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज एक नई प्रेरणा मिली है, नई ऊर्जा मिली है. आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है.
2. पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानि राजपथ, आज से इतिहास की बात हो गया है, हमेशा के लिए मिट गया है. आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है. उन्होंने कहा, "मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में, गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं."
3. पीएम मोदी ने कर्तव्य पथ का उद्घाटन करने के अवसर पर कहा कि आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है. गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी. उन्होंने कहा, "आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है."
4. पीएम मोदी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद करते हुए कहा कि वह ऐसे महामानव थे, जो पद और संसाधनों की चुनौती से परे थे. उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था. उनमें साहस था, स्वाभिमान था. उनके पास विचार थे, विज़न था. उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं.
5. प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता, लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया. उनके विचारों को उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया. उस वक्त उन्होंने कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी. इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला.
6. पीएम मोदी ने अपने संबोधन एनडीए सरकार के कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में हमने एक के बाद एक ऐसे कितने ही निर्णय लिए हैं, जिन पर नेता जी के आदर्शों और सपनों की छाप है. नेताजी सुभाष, अखंड भारत के पहले प्रधान थे, जिन्होंने 1947 से भी पहले अंडमान को आजाद कराकर तिरंगा फहराया था.
7. प्रधानमंत्री ने देश के संदर्भ में कहा कि आज भारत के आदर्श अपने हैं, आयाम अपने हैं. आज भारत के अपने संकल्प और लक्ष्य हैं. पीएम ने कहा कि आज भारत के अपने पथ और प्रतीक हैं. पीएम मोदी ने कहा कि ये शुरुआत है न अंत है. उन्होंने कहा कि ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है.
8. पीएम मोदी ने कहा कि आज अगर राजपथ का अस्तित्व समाप्त होकर कर्तव्य पथ बना है. आज अगर जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी की मूर्ति लगी है तो ये गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है. आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों क़ानूनों को बदल चुका है. उन्होंने कहा कि भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है.
9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है. यह भारत के लोकतान्त्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. यहां जब देश के लोग आएंगे तो नेताजी की प्रतिमा, नेशनल वार मेमोरियल, ये सब उन्हें कितनी बड़ी प्रेरणा देंगे, उन्हें कर्तव्यबोध से ओत-प्रोत करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे. राजपथ की भावना भी गुलामी का प्रतीक थी, उसकी संरचना भी गुलामी का प्रतीक थी. आज इसका आर्किटैक्चर भी बदला है और इसकी आत्मा भी बदली है.
10. पीएम मोदी ने श्रमिकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि आज के इस अवसर पर वह अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है. उन्होंने कहा कि वह देश के हर एक नागरिक से इस नवनिर्मित कर्तव्य पथ को आकर देखने इसे देखने का आह्वान करते हैं. उन्होंने कहा कि इस निर्माण में आपको भविष्य का भारत नज़र आएगा. यहां की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विज़न देगी, एक नया विश्वास देगी.
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