2022 में नहीं 2023 में G20 समिट की मेजबानी करेगा भारत, अगला सम्मेलन 2021 में इटली में होगा
जी20 समिट में नेताओं ने घोषणापत्र में कहा, कोविड-19 महामारी और लोगों की जिंदगियों, रोजी रोटी और अर्थव्यवस्थाओं पर असर के लिहाज से इसके अभूतपूर्व प्रभाव ने ऐसा झटका दिया है कि तैयारियों और कार्रवाई में नाजुकपन सामने आया है.
सऊदी अरब में आयोजित हुआ 15वां G20 शिखर सम्मेलन खत्म हो गया है. अब अगला सम्मेलन 2021 में इटली में होगा. जबकि 2022 में इंडोनेशिया और 2023 में G20 सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा. सम्मलेन के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब को सफल आयोजन पर आभार जताया.
जी20 के सदस्य देशों के नेताओं के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद अंतिम घोषणापत्र जारी किया गया. सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी भाग लिया. नेताओं ने यह घोषणा भी कि 2023 में समूह के सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा. पहले 2022 में भारत की मेजबानी का फैसला हुआ था. पिछले साल ओसाका में जी20 के घोषणापत्र में 2022 में भारत में आयोजन की घोषणा की गयी थी.
जी20 सम्मेलन में नेताओं का घोषणापत्र दुनिया की टॉप-20 अर्थव्यवस्थाओं के शासन प्रमुखों या राष्ट्राध्यक्षों के सम्मेलन के समापन पर जारी किया गया. यहां नेताओं ने कहा है कि 2020 में महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है, वहीं वैश्विक आर्थिक गतिविधियां आंशिक रूप से बढ़ी हैं और "हमारी अर्थव्यवस्थाएं धीरे-धीरे फिर से खुली हैं और हमारी महत्वपूर्ण नीतिगत पहलों के सकारात्मक प्रभाव फलीभूत होने लगे हैं."
घोषणापत्र में नेताओं ने क्या कहा नेताओं ने घोषणापत्र में कहा, "हम इन खतरों के सभी स्रोतों, तकनीकों और माध्यमों से निपटने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराते हैं. हम एफएटीएफ के क्षेत्रीय इकाइयों के वैश्विक नेटवर्क को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं जिसमें परस्पर मूल्यांकनों में उनकी विशेषज्ञता का समर्थन करना तथा एफएटीएफ के वैश्विक मानकों के पूरी तरह, प्रभावी और त्वरित क्रियान्वयन का आह्वान करना शामिल है."
जी20 नेताओं ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी और लोगों की जिंदगियों, रोजी रोटी और अर्थव्यवस्थाओं पर असर के लिहाज से इसके अभूतपूर्व प्रभाव ने ऐसा झटका दिया है कि तैयारियों और कार्रवाई में नाजुकपन सामने आया है.
उन्होंने पिछले दो दिन में महामारी से संबंधित अनेक मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद कहा, "हम सभी विकासशील और अल्प विकसित देशों के समर्थन के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि उन्हें कोविड-19 के स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था संबंधी और सामाजिक प्रभावों का एक साथ सामना करना पड़ा है."
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