वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से बात की. इस दौरान पीएम ने कबीरदास का एक दोहा दोहराते हुए कहा, "कबीरदास जी ने कहा है- 'सेवक फल मांगे नहीं, सेब करे दिन रात'. अर्थात - सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, दिन रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है. दूसरों की निस्वार्थ सेवा के हमारे यही संस्कार हैं, जो इस मुश्किल समय में काम आ रहें हैं."


पीएम मोदी ने आगे कहा, "इसी भावना के साथ केंद्र सरकार ने भी निरंतर प्रयास किया है कि कोरोना के इस समय में सामान्य जन की पीड़ा को साझा किया जाए, उसको कम किया जाए. गरीब को राशन मिले, उसके पास कुछ रुपए रहें, उसके पास रोजगार हो और वो अपने काम के लिए ऋण ले सके, इन सभी बातों पर ध्यान दिया है."


पीएम मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा, "एक बात हमें बार-बार करनी है, हर किसी से करनी है, खुद से भी करनी है. हम सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति चाहते हैं. रास्तों पर थूंकने की हमें आदत बदलनी पड़ेगी. दो गज की दूरी, गमछा या फेस मास्क और हाथ धोने की आदत को हमें संस्कार बनाना है."


कोरोना संकट में सेवा करने वाली संस्थाओं की पीएम ने की तारीफ
प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग संस्थाओं के प्रतिनिधि के सामाजिक कार्यों की तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा, "इतने कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करना, डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना, यानि हर स्तर पर सभी ने गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम किया."


उन्होंने आगे कहा, "हजारों लोगों ने काशी के गौरव को बढ़ाया है. सैकड़ों संस्थाओं ने अपने आप को खपा दिया है. सबसे मैं बात नहीं कर पाया हूं, लेकिन मैं हर किसी के काम को आज नमन करता हूं. सेवाभाव से जुड़े हुए हर व्यक्ति को मैं प्रणाम करता हूं. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब आपसे केवल जानकारी नहीं ले रहा हूं, बल्कि आप सबसे प्रेरणा ले रहा हूं. अधिक काम करने के लिए, आप जैसे लोगों ने इस संकट में काम किया, इनके आशीर्वाद ले रहा हूं."


मोदी ने कहा- कोरोना से यूपी को सबसे ज्यादा डर था
पीएम मोदी ने कहा, "जब कोरोना महामारी आई, तो सभी भारत को लेकर डरे हुए थे. इसमें भी 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को लेकर तो शंकाएं और भी ज्यादा थीं. लेकिन आपके सहयोग ने, उत्तर प्रदेश के लोगों के परिश्रम ने, पराक्रम ने सारी आशंकों को ध्वस्त कर दिया. आज स्थिति ये है कि उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ संक्रमण की गति को काबू में किया है बल्कि जिन्हें कोरोना हुआ है, वो भी तेजी से ठीक हो रहे हैं."


उन्होंने कहा, हमारी काशी में बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा दोनों विराजते हैं. पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी. तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतजाम कर देंगे.


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