स्टॉकहोम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वीडन के शीर्ष उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के लोगों के लिए बेहतर साबित होंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ बैठक की और सीईओ के साथ बात की. स्टॉकहोम सिटी हॉल में स्वीडन की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने पहुंचे मोदी का स्वागत परंपरागत भारतीय ड्रेस पहने हुए बच्चों ने किया.


मोदी और लोफवेन ने स्वीडन के शीर्ष कार्यकारियों के साथ बातचीत की. इस बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट कर बताया, ‘‘भारत और स्वीडन के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध दोनों देशों की जनता के लिए बेहतर होंगे. मैंने स्टॉकहोम में स्वीडन के शीर्ष सीईओ के साथ गोलमेज में भाग लिया.’’


वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीडन के शीर्ष मुख्य कार्यकारियों को भारत में निवेश करने और प्रमुख कार्यक्रमों का हिस्सा बनने को आमंत्रित किया है.’’भारत में स्वीडन के व्यापार आयुक्त कार्सटन ग्रोनब्लैड ने कहा कि करीब 30 सीईओ या कंपनियों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए.


ग्रोनब्लैड ने कहा, "वक्ताओं ने जो प्रमुख संदेश दिया वह यह कि वे भारत को रणनीतिक बाजार समझते हैं और वे कुछ चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के साथ भागीदारी करना चाहते हैं." उन्होंने कहा , ‘‘ यदि हम स्वीडन के निवेश को देखें तो पिछले कुछ साल के दौरान यह तेजी से बढ़ा है. स्वीडन की कंपनियों ने अगले दो साल में भारत में 1.1 अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है. ’’ उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल के दौरान स्वीडन की कंपनियां पहले ही भारत में डेढ़ अरब डॉलर का निवेश कर चुकी हैं.


उन्होंने कहा कि इन पांच साल में स्वीडन का भारत में कुल निवेश पिछले 20 साल से अधिक है. भारत में निवेश करने वाली प्रमुख कंपनियों में आइकिया, एस्ट्राजेनेका और वोल्वो ट्रक्स हैं.


बैठक में शामिल वोल्वो कार इंडिया के प्रबंध निदेशक चार्ल्स फ्रंप ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों पर अपना विचार साझा किया और बताया कि यह कैसे भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है. वित्त वर्ष 2016-17 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार हालांकि घटकर 1.9 अरब डॉलर पर आ गया है, जो 2015-16 में 2.17 अरब डॉलर था. हालांकि इसके बावजूद भारत में स्वीडन का निवेश और अन्य आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं.


बता दें कि 2016-17 में स्वीडन को भारत का निर्यात 71 करोड़ डॉलर था , जबकि भारत का वहां से आयात 116 करोड़ डॉलर था.