न्यूयॉर्क: राफेल डील पर सियासी घमासान के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का बयान आया है. मैक्रों का बयान सरकार के लिए संजीवनी साबित हो सकता है. फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा है कि पीएम मोदी सही हैं, ये दो सरकारों के बीच का समझौता है.  इमैनुएल मैक्रों, ''जिस समय ये सौदा हुआ उस समय मैं सत्ता में नहीं था, इसलिए इस पर टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा , मुझे पता है कि हमारे नियम बेहद स्पष्ट हैं, ये दो सरकारों के बीच हुआ सौदा है, ये सौदा भारत और फ्रांस के बीच सैन्य और रक्षा गठबंधन के व्यापक ढांचे का हिस्सा है, ये मेरा पक्ष है और मैं पीएम मोदी की ओर से कही गई बात को ही दोहराऊंगा.''


मैंक्रो ने ये भी कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी सही हैं, ये दो सरकारों के बीच हुआ समझौता है. रक्षा मामलों पर भारत और फ्रांस के बीच अच्छे संबंध हैं. मैं किसी और चीज पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.''वहीं कांग्रेस मैक्रों के बयान को मौन स्वीकृति बता कर दाल में कुछ काला होने की बात कह रही है.


फ्रांस से लेकर भारत तक, यहां पढ़ें राफेल विवाद का A To Z


ओलांद की पार्टनर के साथ फिल्म रिलायंस इंटरटेनमेंट की सफाई
राफेल सौदे के वक्त तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पार्टनर जूली गाएत की कंपनी के साथ एक फ्रेंच फिल्म बनाने की डील के आरोप पर सफाई देते हुए रिलायंस एंटरटेनमेंट ने सफाई दी है. रिलायंस एंटरटेनमेंट का कहना है, ''जूली गाएत या उनकी कंपनी के साथ रिलायंस इंटरटेनमेंट ने कोई समझौता नहीं किया. फ्रेंच फर्म विसवाइरेस कैपिटल के साथ एक समझौता हुआ जिसके तहत फ्रांस की एक मशहूर फिल्म का रीमेक बनाना तय हुआ, जिसका प्रोडक्शन 2019 में शुरू होगा. फिल्म के कुल बजट में रिलायंस इंटरटेनमेंट ने सिर्फ 15 फीसदी का निवेश किया है और केवल 1.48 मिलियन यूरो दिए हैं.''


राफेल विवाद है क्या?
यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था. अब बताया जा रहा है कि सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा. राफेल डील में 50 प्रतिशत ऑफसेट क्लॉज यानि प्रावधान है. यानि इस सौदे की पचास प्रतिशत कीमत को रफाल बनाने वाली कंपनी, दसॉल्ट को भारत में ही रक्षा और एयरो-स्पेस इंडस्ट्री में लगाना होगा.


इसके लिए दसॉल्ट कंपनी ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्री से करार किया है. अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्री ने जो कंपनी बनाई है, उसके साथ मिलकर दसॉल्ट कंपनी भारत में ज्वाइंट वेंचर कर रही है. ये दोनों मिलकर भारत में नागरिक विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने जा रही हैं. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि "36 राफेल आईजीए (इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट) में ऑफसेट्स की मात्रा 50 प्रतिशत है, जिसमें योग्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण या रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में निवेश शामिल हैं.''