PM In Parliament: 'कैसे अनाप-शनाप...', राज्यसभा में पीएम मोदी ने बताया कंगाल पाकिस्तान का हाल
PM Modi Rajya Sabha Speech: पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा, आपदा में फंसे देश की कोई भी मदद नहीं करना चाहता, हमारे पड़ोसी देशों ने अनाप-शनाप कर्ज लिया और आज उनकी हालत सब देख रहे हैं.
PM Modi Speech In Parliament: पीएम मोदी ने गुरुवार (9 फरवरी) को राज्यसभा में विपक्षियों पर जोरदार हमला बोला. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी नेताओं की मुफ्त योजनाओं को लेकर पाकिस्तान का उदाहरण दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि हम हमारे पड़ोस के देशों का काम देख रहे हैं, अनाप-शनाप कर्ज लेकर किस तरह से देशों को डुबो दिया गया. पीएम मोदी ने विपक्ष की मुफ्त योजनाओं की नीतियों का उदाहरण दिया था. पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक तंगी की हालत से जूझ रहा है.
'आर्थिक तंगी से जूझ रहा है पाकिस्तान'
दक्षिण एशिया में पाकिस्तान दूसरा ऐसा देश है, जो इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. इससे पहले श्रीलंका भी बीते साल आर्थिक तंगी का शिकार हुआ. पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा, आपदा में फंसे देश की कोई भी मदद नहीं करना चाहता. उन्होंने इसके लिए विपक्षी नेताओं और पार्टियों को आर्थिक नीति से जुड़ी उनकी योजनाओं के लिए आगाह किया.
'इमरजेंसी को लेकर साधा इंदिरा पर निशाना'
प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारी संघवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों ने कई क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधित्व वाली राज्य सरकारों को गिराने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 का कम से कम 90 बार इस्तेमाल किया. पीएम मोदी ने आरोप लगाया, इंदिरा गांधी ने अकेले अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल राज्यों में क्षेत्रीय दलों की सरकारों को गिराने के लिए 50 बार किया.
पीएम मोदी ने कहा कि जरा इतिहास उठा करके देख लीजिए, वो कौन पार्टी थी, वो कौन सत्ता में बैठे थे, जिन्होंने अनुच्छेद 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया. 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया. कौन हैं वो, कौन हैं जिन्होंने किया, कौन हैं जिन्होंने किया, कौन हैं जिन्होंने किया.
'600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम'
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं. उन्होंने कहा कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू के नाम का उल्लेख नहीं होता है तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं और उनका लहु एकदम गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं दिया.