नई दिल्लीः रक्षा-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलएसी तेजस को जानबूझकर फाइलों तक रखा गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकारों को कोसते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही हथियारों को आयात करने पर जोर दिया गया, जिसके कारण स्वेदशी डिफेंस इंडस्ट्री नहीं पनप सकी. रक्षा बजट पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी से पहले हमारे यहां सैकड़ों ऑर्डिनेंस फैक्ट्री थीं. यहां तक की दोनों विश्वयुद्ध में बड़े तादाद में भारत से ही हथियार भेजे गए थे. जबकि अब स्थिति ये है कि हमारे यहां स्मॉल-आर्म्स (गन, राईफल इत्यादि) के लिए भी दुनिया की तरफ देखना पड़ता है.


पीएम ने कहा कि एक समय था जब स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए तेजत तक को फाइलों में समेट दिया गया था. लेकिन वर्ष 2014 से स्थिति बदल गई है यानि जब से मोदी सरकार आई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हाल ही में 48 हजार करोड़ रूपये में 83 स्वदेशी लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है जिससे बड़ी तादाद में एमसएमएसई यानि माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राईजेज को फायदा होगा.


पीएम ने कहा कि सीडीएस के बनने से रक्षा प्रक्रिया में बेहद तेजी से काम हुआ है. करीब डेढ़ दशक में पहली बार रक्षा बजट के कैपिटल ऑऊटलेय यानि पूंजीगत व्यय में 19 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है. उन्होनें कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर अभियान को सशस्त्र सेनाओ का सहयोग भी मिल रहा है.


पीएम ने सेना के ट्रेनिंग-ग्राउंड्स में लिखे उन वाक्यों का उल्लेख किया, जहां लिखा रहता है कि 'शांति काल में बहाया हुआ पसीना, युद्धकाल में रक्त बहने से बचाता है.' लेकिन पीएम ने कहा कि ''शांति की प्रीकंडिशन यानि पूर्वापेक्षा है वीरता, वीरता की प्रीकंडिशन है क्षमता और क्षमता की प्रीकंडिशन है सामर्थ.''


प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक, ये सच है कि रक्षा क्षेत्र में सरकार का दखल बहुत ज्यादा है, क्योंकि ये नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है. लेकिन, ये भी सच है कि 21वीं सदी में बिना प्राईवेट साझेदारी के देश रक्षा क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सकता है.


इस दौरान वेबिनार को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस साल रक्षा बजट में 63 प्रतिशत हिस्सा यानि करीब 70 हजार करोड़ रूपये (70221 करोड़) स्वदेशी हथियारों के लिए रखा गया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल ये करीब 50 हजार करोड़ था.


रक्षा मंत्री के मुताबिक, हमारे सरकार की कोशिशों का नतीजा है कि पिछले छह सालों में भारत ने हथियारों का निर्यात करीब 700 प्रतिशत बढ़ाया है. सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब हथियारों को निर्यात करने वाले टॉप 25 देशों की श्रेणी में आ गया है.


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