Sansad TV हुआ लॉन्च, पीएम मोदी बोले- जब देश देखता है तो सांसदों को बेहतर आचरण की प्रेरणा मिलती है
लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी के विलय के बाद 'संसद टीवी' ने आकार लिया. संसद टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कपूर ने कहा कि संसद टीवी के गठन की प्रकिया आज से ढाई साल पहले शुरु हुई थी.
Sansad TV: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘संसद टीवी’ को लॉन्च किया. इसी के साथ लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय हो गया है और दोनों को मिलाकर संसद टीवी बना है. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है. हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है.
वहीं, संसद टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कपूर ने कहा कि संसद टीवी के गठन की प्रकिया ढाई साल पहले शुरू हुई थी. सूर्यप्रकाश समिति की सिफारिश के आधार पर संसद टीवी ने आकार लिया.
Delhi: Vice President & Rajya Sabha chairman M Venkaiah Naidu, Prime Minister Narendra Modi and Lok Sabha Speaker Om Birla jointly launch Sansad TV. pic.twitter.com/KGuXOHUUy0
— ANI (@ANI) September 15, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनल्स की भूमिका भी तेजी से बदल रही है. 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है. ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है. भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है.
पीएम मोदी ने कहा, “मेरा अनुभव है कि- “कन्टेंट इज़ कनेक्ट.” यानी, जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं. ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है! क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है.”
इसके साथ ही उन्होंन कहा, “हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है. हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है.”
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