अगले तीन महीनों में तैयार होंगे 1 लाख नए कोविड वॉरियर, 6 कोर्सेज के माध्यम से दी जाएगी युवाओं को सेवा कार्यों की ट्रेनिंग
कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए अनुकूलित क्रैश कोर्स प्रोग्राम के तहत 26 राज्यों में फैले 111 केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस पहल के तहत लगभग एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कोविड फ्रंट लाइन वर्कर्स की संख्या बढ़ाने के लिए एक 'कस्टमाइज़्ड क्रैश कोर्स' लॉन्च किया. जिसके अंतर्गत तीन महीने में एक लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. 26 राज्यों में 6 पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे.
इस योजना के तहत 26 राज्यों में 111 सेंटर खोले गए हैं. इन सभी सेंटरों पर 6 अलग-अलग कोर्स उपलब्ध हैं. इस योजना को लॉन्च करते समय पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य में कोविड वायरस के किसी नए म्यूटेशन की आशंका बनी हुई है. ऐसे में पहले से तैयारी रखने की जरूरत है. इसी जरूरत को देखते हुए ये योजना लागू की गई है.
सहायक नर्स मिडवाइफरी, आशा और आंगनवाड़ी वर्करों की हुई जमकर तारीफ
प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से लड़ने में आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर और एएनएम वर्करों की भी तारीफ की. इन सभी को गांवों और प्राइमरी अस्पतालों में नियुक्त किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना ने दुनिया के सभी देशों और संस्थाओ सहित परिवारों और व्यक्तियों को भी ये चुनौती पेश की है कि वे अपनी क्षमताओं को और विकसित करें. देश में अब दूर दराज के इलाकों में भी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचाया जा रहा है. 1500 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं.
कोरोना संकट के दौरान स्किल्ड मैनपावर की दिखी भारी कमी
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट सहित सरकार के अनेकों सार्थक कदम के बावजूद करोना से लड़ने के लिए स्किल्ड मैनपावर की कमी महसूस की जा रही है. इसी कमी को दूर करने के लिए 6 कोर्सों के माध्यम से एक लाख युवकों को अलग-अलग जरूरतों के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इन सभी 6 पाठ्यक्रमों को विशेषज्ञों ने इस तरह से डिजाइन किया है ताकि इससे तैयार होने वाले युवा अलग-अलग राज्यों की सेवा सम्बंधी जरूरतों को पूरा कर सकें.
ट्रेनिंग में कौन-कौन से कोर्स पढ़ाए जाएंगे
- होम केयर सपोर्ट
- बेसिक केयर सपोर्ट
- एडवांस केयर सपोर्ट
- इमरजेंसी केयर सपोर्ट
- सैम्पल कलेक्शन सपोर्ट
- मेडिकल एक्यूपमेंट सपोर्ट
इन कोर्सेज के माध्यम से न सिर्फ स्किल दी जाएगी बल्कि इन क्षेत्रों में पहले से काम कर रहे युवकों को एडवांस स्तर की ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इससे न सिर्फ हेल्थ सेक्टर को एक नई ऊर्जा मिलेगी बल्कि इन युवाओं को नौकरी भी मिल सकेगी.
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