e-RUPI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ई-रुपी (e-RUPI) की शुरुआत की. इसका उद्देश्य कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देना है. ई-रुपी को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.


पीएम मोदी ने कहा कि आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है. ई-रुपी वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, डीबीटी  को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा. इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रुपी एक तरह से पर्सन के साथ-साथ परपस स्पेसिफिक भी है. जिस मकसद से कोई मदद या कोई बेनिफिट दिया जा रहा है, वो उसी के लिए प्रयोग होगा, ये ई-रुपी सुनिश्चित करने वाला है.


पीएम मोदी निशाना साधते हुए कहा कि पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि तकनीक तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम है. जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे. लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है. आज देश की सोच अलग और नई है. आज हम टेक्नोलॉजी को गरीबों की मदद के, उनकी प्रगति के एक टूल के रूप में देख रहे हैं.


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