नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत की है. ये कोष कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, कृषि क्षेत्र की प्रौद्योगिकी कंपनियों और कटाई बाद फसल प्रबंधन में किसान समूहों की मदद के लिए बनाया गया है. साथ ही मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत 8.55 करोड़ से अधिक किसानों को 17,100 करोड़ रुपये की छठी किस्त जारी की.


"एक देश, एक मंडी का मिशन अब पूरा हो रहा"


इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है. पहले e-NAM के जरिए, टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई. अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया. अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं."


पीएम मोदी ने कहा, इस योजना (एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड) से गांव में किसानों समूहों को, किसान समितियों को, FPOs को वेयरहाउस बनाने, कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी. बीते डेढ़ साल में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 75 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं. इसमें से 22 हजार करोड़ रुपए तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं.


हर जिले के उत्पादों को दुनिया तक पहुंचाने की योजना
पीएम मोदी ने कहा, 'आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि आधारित उद्योग लगाने में बहुत मदद मिलेगी. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में मशहूर उत्पादों को देश और दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है.'



प्रधानमंत्री ने किसानों की तारीफ करते हुए कहा, 'ये हमारे किसान ही हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने-पीने के जरूरी सामान की समस्या नहीं होने दी. देश जब लॉकडाउन में था, तब हमारा किसान खेतों में फसल की कटाई कर रहा था और बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था. सरकार ने भी सुनिश्चित किया कि किसान की उपज की रिकॉर्ड खरीद हो. जिससे पिछली बार की तुलना में करीब 27 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादाो किसानों की जेब में पहुंचा है.'

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