PM Modi Speech: महाराष्ट्र के पंढरपुर को केंद्र सरकार ने आज बड़ी सौगात दी. पीएम मोदी ने दो राजमार्गों श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का शिलान्यास किया. इस अवसर पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस सहित कई अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे.


पीएम मोदी ने कहा कि श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग का निर्माण पांच चरणों में होगा और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग का निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. 


पीएम मोदी ने इस दौरान किसानों का भी जिक्र किया. पीएम ने कहा कि भारत की संस्कृति को, भारत के आदर्शों को सदियों से यहाँ का धरती पुत्र ही जीवित बनाए हुये है. एक सच्चा अन्नदाता समाज को जोड़ता है, समाज को जीता है, समाज के लिए जीता है. आपसे ही समाज की प्रगति है, और आपकी ही प्रगति में समाज की प्रगति है.


पीएम ने कहा कि अतीत में हमारे भारत पर कितने ही हमले हुये! सैकड़ों साल की गुलामी में ये देश जकड़ा गया. प्राकृतिक आपदाएँ आईं, चुनौतियाँ आईं, कठिनाइयाँ आईं, लेकिन भगवान विट्ठल देव में हमारी आस्था, हमारी दिंडी वैसे ही अनवरत चलती रही. आज भी ये यात्रा दुनिया की सबसे प्राचीन और सबसे बड़ी जन-यात्राओं के रूप में, पीपल मूवमेंट के रूप में देखी जाती है. ‘आषाढ एकादशी’ पर पंढरपुर यात्रा का विहंगम दृश्य कौन भूल सकता है. हजारों-लाखों श्रद्धालु, बस खिंचे चले आते हैं.


पीएम मोदी ने कहा कि ये यात्राएं अलग अलग पालखी मार्गों से चलती हैं, लेकिन सबका गंतव्य एक ही होता है. ये भारत की उस शाश्वत शिक्षा का प्रतीक है जो हमारी आस्था को बांधती नहीं, बल्कि मुक्त करती है. जो हमें सिखाती है कि मार्ग अलग अलग हो सकते हैं, पद्धतियाँ और विचार अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारा लक्ष्य एक होता है. अंत में सभी पंथ ‘भागवत पंथ’ ही हैं.


पीएम मोदी ने कहा कि भगवान विट्ठल का दरबार हर किसी के लिए समान रूप से खुला है. और जब मैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास कहता हूं, तो उसके पीछे भी तो यही भावना है. यही भावना हमें देश के विकास के लिए प्रेरित करती है, सबको साथ लेकर, सबके विकास के लिए प्रेरित करती है.


पीएम मोदी ने कहा कि वारकरी आंदोलन की और एक विशेषता रही और वह है पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर वारी में चलने वाली हमारी बहनें, देश की स्त्री शक्ति! पंढरी की वारी, अवसरों की समानता का प्रतीक हैं. वारकरी आंदोलन का ध्येय वाक्य हैं, ‘भेदाभेद अमंगळ’. 


राष्ट्रीय राजमार्ग की खासियत क्या होगी?


इन राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर ‘पालखी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिससे भक्तों को परेशानी मुक्त और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध होगा. संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी मार्ग के दिवेघाट से लेकर मोहोल तक के लगभग 221 किलोमीटर लंबे खंड और संत तुकाराम महाराज पालखी मार्ग के पतस से लेकर टोंदले-बोंदले तक के लगभग 130 किलोमीटर लंबे खंड को चार लेन का बनाया जायेगा.


चार लेन वाले इन खंडों के दोनों ओर ‘पालखी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग बनाए जायेंगे. इन चार लेन और समर्पित पैदल मार्गों के निर्माण की अनुमानित लागत क्रमशः 6690 करोड़ रुपये और लगभग 4400 करोड़ रुपये से अधिक होगी.


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