Buddhist Heritage Centre: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में रखी बौद्ध विरासत केंद्र की नींव, देखें वीडियो
Buddhist Heritage Centre In Nepal: बौद्ध हेरिटेज केंद्र एक आधुनिक भवन होगा जिसमें बिजली, पानी और अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में बेहतरीन होगा.
Buddhist Heritage Centre In Nepal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ नेपाल के लुंबिनी मठ में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज की आधारशिला रखी. इसके एक बार पूरा हो जाने के बाद दुनिया भर के पर्यटक और तीर्थयात्री बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक पहलुओं के सार का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचेंगे. यह एक विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस पर्यटकों का केंद्र बनेगा.
विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा, "हमारे सांस्कृतिक संबंधों को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और PM शेर बहादुर देउबा ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज का शिलान्यास समारोह किया." उन्होंने आगे कहा, "केंद्र का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, नई दिल्ली की पहल पर किया जा रहा है."
Prime Ministers @narendramodi and @SherBDeuba take part in the Shilanyas programme for the India International Centre for Buddhist Culture and Heritage in the Lumbini Monastic Zone. This Centre will deepen the cultural and people-to-people linkages between India and Nepal. 🇮🇳 🇳🇵 pic.twitter.com/n5TLc1iDUM
— PMO India (@PMOIndia) May 16, 2022
बौद्ध हेरिटेज आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ''बौद्ध हेरिटेज केंद्र एक आधुनिक भवन होगा जिसमें बिजली, पानी और अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में बेहतरीन होगा और इसमें प्रार्थना कक्ष, मेडिटेशन सेंटर केंद्र, लाइब्रेरी, एग्जीबिशन हॉल, कैफेटेरिया, ऑफिस और अन्य सुविधाएं होंगी. बौद्ध हेरिटेज केंद्र का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC), नई दिल्ली द्वारा लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट (LDT) द्वारा आईबीसी को आवंटित एक भूखंड पर, आईबीसी और एलडीटी के बीच मार्च 2022 में हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत किया जाएगा.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने किया बौद्ध हेरिटेज शिलान्यास का अनावरण
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि "शिलान्यास" समारोह के बाद, जो तीन प्रमुख बौद्ध परंपराओं, थेरवाद, महायान और वज्रयान से संबंधित भिक्षुओं द्वारा किया गया था, दोनों प्रधानमंत्रियों ने बौद्ध हेरिटेज केंद्र के एक मॉडल का भी अनावरण किया.
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