Marathi Language: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार ( 21 फरवरी) को अपनी राजनीतिक यात्रा और विचारधारा को मराठी भाषा से जोड़ा. उन्होंने इस पर गर्व व्यक्त किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की नींव महाराष्ट्र की भूमि पर केशव बलिराम हेडगेवार ने रखी थी. पीएम मोदी ने 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कहा कि उन्हें भी आरएसएस से प्रेरणा मिली है जिसने उन्हें देश के लिए काम करने का मार्ग दिखाया.
पीएम मोदी ने कहा कि आरएसएस के माध्यम से ही उनका मराठी भाषा और इसकी समृद्ध परंपराओं से जुड़ाव हुआ. उन्होंने आरएसएस को पिछले 100 सीलों से भारतीय संस्कृति और मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने वाला संगठन बताया. ये सम्मेलन एनसीपी प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था और पीएम मोदी के उद्घाटन करने को लेकर विपक्षी दलों की ओर से सवाल भी उठाए गए.
मराठी भाषा को मिला विशेष दर्जा
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि हाल ही में मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया जिसकी 12 करोड़ मराठी भाषी लोग दशकों से प्रतीक्षा कर रहे थे. उन्होंने इसे एक अहम उपलब्धि बताते हुए कहा कि ये मराठी भाषा और संस्कृति के लिए सम्मान की बात है.
पीएम मोदी ने ऐतिहासिक अवसरों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती और संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है. उन्होंने मराठी भाषा को स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया.
मराठी भाषा और सिनेमा का योगदान
पीएम मोदी ने मुंबई को न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश की आर्थिक राजधानी बताया. उन्होंने कहा कि मराठी और हिंदी सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महाराष्ट्र और मुंबई का अहम योगदान रहा है. उन्होंने हाल ही में चर्चित फिल्म 'छावा' का जिक्र करते हुए कहा कि ये फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता को उजागर कर रही है और यह शिवाजी सावंत के प्रसिद्ध मराठी उपन्यास से प्रेरित है.