नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिसंबर के पहले पखवाड़े में नए संसद भवन का शिलान्यास कर सकते हैं. सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर सहित लगभग पांच प्रतिमाओं को निर्माण कार्य के कारण अस्थायी रूप से स्थानांतरित किए जाने की संभावना है.
साथ ही परियोजना के पूरा होने पर नए परिसर के भीतर प्रमुख स्थानों पर इन प्रतिमाओं को फिर से स्थापित कर दिया जाएगा. सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए भवन का निर्माण मौजूदा भवन के पास किया जाएगा और इसके निर्माण कार्य शुरू होने के 21 महीने में पूरा होने की उम्मीद है. सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत एक नए त्रिकोणीय संसद भवन, एक संयुक्त केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के पुनर्निमाण की परिकल्पना की गई है.
नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे
हालांकि, नए संसद भवन की आधारशिला रखने की प्रस्तावित तिथि 10 दिसंबर के आसपास है. लेकिन अंतिम तिथि प्रधानमंत्री की समय उपलब्धता पर निर्भर करेगी. योजना के अनुसार, नए संसद भवन में सभी सांसदों के लिए अलग-अलग कार्यालय होंगे. जो "पेपरलेस ऑफिस" बनाने की दिशा में नवीनतम डिजिटल इंटरफेस से लैस होंगे. नई इमारत में एक भव्य संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके अलावा इसमें सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समितियों के कक्ष, खान-पान क्षेत्र और विस्तृत वाहन पार्किंग स्थल होगा.
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