नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दो चरणों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना के बढ़ते मामलों की समीक्षा की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोविड-19 को लेकर वैक्सीन के वितरण और उसके प्रबंधन को लेकर भी मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. इससे फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है कि वैक्सीन कब तक उपलब्ध हो जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन को लेकर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए.


कोरोना काल में मुख्यमंत्रियों के साथ आठवीं बार पीएम मोदी का संवाद


गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने 8वीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया. इस दौरान सुबह 10.30 बजे से 12 बजे देश के सबसे ज्यादा प्रभावित 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया.


कार्यक्रम की शुरुआत गृहमंत्री अमित शाह ने की. शाह ने कहा कि अमेरिका और यूरोप जैसे हालात न हो जाए इसके लिए हमें समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए. कोरोना की रोकथाम के लिए जो गाइडलाइंस तय की गई हैं उसे सख्ती से लागू कराया जाए ताकि इसको फैलने से रोका जा सके.


संवाद के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली की आबोहवा खराब हो रही है. केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर इसे रोकने की जरूरत है. उन्होंने ये भी कहा कि तीसरे फेज में कोरोना के हालातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के अस्पतालों में 1000 से ज्यादा आईसीयू बेड रिजर्व किए जाने चाहिए.


वहीं ममता बनर्जी ने जीएसटी का भुगतान न किये जाने का मामला उठाया. अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपने राज्यों के हालात को बैठक के दौरान साझा किया. इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अशोक गहलोत ने राज्यों को अपने स्तर पर अधिकार दिए जाने की वकालत की है.


भारत की स्थिति दूसरे देशों की तुलना में बेहतर


कार्यक्रम के अंत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश ने ठोस प्रयासों के जरिये रिकवरी रेट और डेथ रेट दोनों के मामले में महामारी का सामना किया है. भारत में स्थिति अन्य देशों की तुलना में बेहतर है. उन्होंने परीक्षण और उपचार नेटवर्क के विस्तार के बारे में बात करते हुए कहा कि पीएमकेयर्स फंड का विशेष जोर ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है. ऑक्सीजन के मामले में मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है. 160 से अधिक नए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है.


1 फीसदी से कम मृत्यु दर हमारा लक्ष्य है- पीएम


प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि लोगों ने महामारी पर कैसे प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इसे चार चरणों में तोड़ा जा सकता है. पहले डर का था, जब लोग घबराहट में प्रतिक्रिया देते थे. दूसरे चरण में वायरस के बारे में संदेह की स्थिति देखी गई, जब कई लोगों ने यह छिपाने की कोशिश की कि वे इससे पीड़ित थे. तीसरा चरण स्वीकृति का था, जब लोग वायरस के बारे में अधिक गंभीर हो गए और अधिक सतर्कता दिखाई.  चौथे चरण में, बढ़ती रिकवरी दर के साथ लोगों ने वायरस से सुरक्षा की झूठी धारणा विकसित की है और इससे इससे लापरवाही की घटनाओं में वृद्धि हुई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस चौथे चरण में वायरस की गंभीरता के बारे में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य मृत्यु दर एक फीसदी से नीचे लाने का होना चाहिए.


आरटी-पीसीआर जांच को बढ़ाना महत्वपूर्ण


प्रधानमंत्री ने कहा कि आरटी-पीसीआर परीक्षणों को बढ़ाना महत्वपूर्ण है. मरीजों की निगरानी बेहतर तरीके से सुनिश्चित करें कि वे घरेलू अलगाव, गांव और सामुदायिक स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी करें और वायरस से सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाएं.


वैक्सीन पर सरकार गंभीर


बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है कि सरकार वैक्सीन के डेवलपमेंट पर नजर रखे हुए है. वैश्विक डेवलपर्स, अन्य देशों की सरकारों, बहुपक्षीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ भारतीय डेवलपर्स और निर्माताओं के संपर्क में है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों के लिए टीका सभी आवश्यक वैज्ञानिक मानदंडों को पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि जैसे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फोकस हर जीवन को बचाने पर रहा है, प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगा कि टीका सभी तक पहुंचे. सभी स्तरों पर सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना होगा कि टीकाकरण ड्राइव सुचारू, व्यवस्थित और निरंतर हो.


पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों के परामर्श से टीकाकरण की प्राथमिकता तय की जा रही है. राज्यों के साथ अतिरिक्त कोल्ड चेन स्टोरेज की आवश्यकताओं पर भी चर्चा की गई है.  उन्होंने मुख्यमंत्रियों से राज्य स्तरीय संचालन समिति और राज्य और जिला स्तरीय टास्क फोर्स की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए कहा.


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