नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर के विकास कार्यों की समीक्षा की. साथ ही जम्मू कश्मीर में चुनाव व्यवस्था बहाल हो उसके लिए परिसीमन को लेकर सभी दलों के साथ एक आम राय पर सहमति तैयार की गई.


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के सभी आठ दलों के नेताओं की बात सुनी. सभी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. इस दौरान एक बार फिर पीडीपी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान का राग अलापते हुए कहा जम्मू कश्मीर के लिए पाकिस्तान से भी बात की जाए.


बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में किए गए कार्यों और ला केंद्रीय योजनाओं के जरिए लाभ पाने वालों की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत के सौहार्दपूर्ण माहौल और विचारों के खुलकर आदान-प्रदान की सराहना की. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले जो जम्मू-कश्मीर के विकास पथ को ताकत दे.


पीएम ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि कश्मीर के लोगों, खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों. प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास परियोजनाओं की प्रगति पर भी संतोष व्यक्त किया.  उन्होंने सभी नेताओं से जम्मू-कश्मीर की प्रगति के लिए मिलकर काम करने और युवाओं की आकांक्षाओं को साकार करने का आग्रह किया.


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर ने पारदर्शिता के साथ-साथ विकास को बढ़ावा देने के साथ एक लंबा सफर तय किया है. जम्मू-कश्मीर में व्यक्तिगत लाभार्थी केंद्र सरकार की योजनाओं में लगभग 90% लाभ हासिल की गई है. कई प्रमुख सड़क परियोजनाएं, दो नए एम्स, 7 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में 4.5 लाख नौकरियों के सृजन के साथ औद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए 28,400 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ नई औद्योगिक नीति को अधिसूचित किया गया है. अमित शाह ने जोर देकर कहा कि परिसीमन अभ्यास और शांतिपूर्ण चुनाव संसद में किए गए वादे के अनुसार राज्य का दर्जा बहाल करने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं.


बैठक में फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, कविंदर गुप्ता, मुजफ्फर हुसैन बेग, निर्मल सिंह, तारा चंद, मोहम्मद अल्ताफ बुखारी, सजाद गनी लोन, रविंदर रैना, गुलाम अहमद मीर, मोहम्मद युसूफ तारिगामी और भीम सिंह ने बैठक में भाग लिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल, राज्य मंत्री (पीएमओ) जितेंद्र सिंह और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए.


J&K पर PM संग हुई बैठक, उमर अब्दुल्ला बोले- एक मीटिंग से नहीं घटेगी दिल्ली और दिल की दूरी, पाक से बातचीत को लेकर दिया ये बयान