PM Modi Meets Tshering Tobgay: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भूटान के उनके समकक्ष शेरिंग टोबगे गुरुवार (14 मार्च) को भारत की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचे. जनवरी 2024 में पदभार संभालने वाले भूटानी पीएम की यह पहली विदेश यात्रा है. हवाई अड्डे पर भूटान के पीएम का स्वागत उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने किया. गुरुवार को ही भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे और पीएम मोदी के बीच मुलाकात हुई. 


शेरिंग टोबगे से मुलाकात के बाद क्या बोले PM मोदी?


भूटानी प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात के बारे में पीएम मोदी ने अपने X हैंडल से बताया कि कई पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई. पीएम मोदी ने पोस्ट किया, ''कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए अपने मित्र और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मिलकर खुशी हुई. हमारी अद्वितीय और विशेष साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई. मैं अगले सप्ताह भूटान की यात्रा के लिए आमंत्रित करने लिए भूटान के नरेश और प्रधानमंत्री को हार्दिक धन्यवाद देता हूं.''






भूटानी पीएम शेरिंग टोबगे क्या बोले?


पीएम मोदी से मुलाकात करके भूटानी प्रधानमंत्री ने भी खुशी जाहिर की. पीएम शेरिंग टोबगे ने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया, ''मेरे मित्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा. मैंने भूटान को उनके दृढ़ समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और हमने भूटान और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी जी भी जल्द ही भूटान आने पर सहमत हुए... वास्तव में अगले सप्ताह!''


चीन के साथ सीमा विवाद के बीच शेरिंग टोबगे की भारत यात्रा


पीएम टोबगे की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भूटान और चीन अपने सीमा विवाद के जल्द समाधान पर विचार कर रहे हैं. इसका असर भारत के सुरक्षा हितों पर पड़ सकता है. हालांकि, यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि गुरुवार को पीएम मोदी और पीएम टोबगे के बीच हुई बातचीत में सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, करीब पांच महीने पहले भूटान के तत्कालीन विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से वार्ता की थी. वार्ता के संबंध में चीन के एक बयान में कहा गया था कि भूटान दृढ़ता से एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है और सीमा मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए चीन के साथ काम करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. बता दें कि सीमा विवाद को लेकर भूटान और चीन की बातचीत पर भारत की करीबी नजर है.


(भाषा से भी इनपुट)


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