नई दिल्ली: इंसान चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता. एक ऐसी ही मिसाल पेश की है मुंबई में कांदिवली के रहने वाले कैप्टन अमोल यादव ने. अमोन ने 19 साल की मेहनत से पहला ‘मेड इन इंडिया’ 6 सीटर हवाई जहाज बनाया है. इस हवाई जहाज को डीजीसीए से स्पेशल परमिट टू फ्लाई सर्टिफिकेट मिल गया है. 6 सीटर हवाई जहाज बनाने वाले अमोल यादव ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. पीएम मोदी ने उनके काम की सराहना की है.


पेशे से पायलट और स्पाइस जेट में काम करते हैं अमोल 


कैप्टन अमोल यादव का हवाई जहाज़ अब उड़ान भरने और टेस्ट के लिए तैयार है. अमोल यादव पेशे से पायलट हैं और स्पाइस जेट में काम करते हैं, लेकिन आज इनकी पहचान कुछ और है. अमोल ने अपनी मेहनत से एक 6 सीटर हवाई जहाज बनाया जो पूरी तरह से मेड इन इंडिया है. कैप्टन अमोल के मुताबिक ये पहला मौका है जब उन्हें ऐसा परमिट मिला है.  इस परमिट के साथ ही अमोल अब अपने बनाए जहाज़ को उड़ा कर टेस्ट और बाकी औपचारिकता कर सकेंगे.


सफल हुई 19 साल की कड़ी मेहनत


अमोल पिछले 19 साल से हवाई जहाज़ बनाने में जुटे हुए थे. पिछले 19 साल में इनके द्वारा बनाए गए दो हवाई जहाज़ सक्सेसफुल नहीं रहे, लेकिन वो अपने इस काम से पीछे नहीं हटे. उन्होंने तीसरा हवाई जहाज बनाया. इस बीच मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया की शुरूआत की और अमोल ने अपने भाई के साथ मिलकर साल 2016 में अपनी एक कम्पनी बनाई, जिसका नाम था थ्रस्ट एयरक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड.


मेक इन इंडिया की वजह से अमोल को काफी मदद मिली. इसके बाद केंद्र और महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें काफी सहयोग दिया. अमोल का दावा है की वो इस साल के अंत तक टेस्ट फ्लाई और बाकी परीक्षण कर सभी औपचारिकता पूरी कर लेंगे और इसके बाद अपने जहाज़ को बाज़ार में लाएंगे. इस स्पेशल परमिट टू फ्लाई के बाद इसे उड़ाने के लिए अमोल को टेस्ट कोर्स करना होगा जो 14 दिनों का होगा, जिसके बाद ही वो इसे उड़ा सकेंगे.


जहाज़ को बनाने में खर्च किए करोड़ों रुपए


अमोल अपने बनाए 6 सीटर प्लेन को महाराष्ट्र सरकार द्वारा धूले में मिली जगह पर टेस्ट करेंगे, वहां एयर स्ट्रिप है. पिछले 19 सालो में अमोल ने अपनी कमाई और परिवार की मदद से लाखों करोड़ों रुपए इस जहाज़ को बनाने में खर्च किए है, जिसका वो हिसाब नहीं रखना चाहते.


कैप्टन अमोल के मुताबिक, एक बार डीजीसीए के टेस्ट और सारी औपचारिकता को पास करने के बाद 19 सीटर हवाई जहाज़ बनाएंगे जिसका निर्माण वो महाराष्ट्र सरकार द्वारा दी जानेवाली जगह पर करेंगे. फिलहाल इनका दाम क्या होगा इसका उन्होंने फैसला नहीं किया है. साल 2005 में बतौर कमर्शियल पायलट वो अपना काम करते आ रहे हैं. वो पहले जेट एयरवेज में थे और आजकल स्पाइस जेट में हवाई जहाज उड़ाते हैं. परमिट मिलने के बाद से अमोल बेहद खुश हैं.