PM Modi Meets Xi Jinping: इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी 20 शिखर बैठक ने भारत और चीन के रिश्तों में बीते 20 महीनों से जमी सीमा तनाव की बर्फ को पिघलाने का मौका दे दिया. जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित रात्रिभोज की मेज पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात और बातचीत हुई. 


रात्रिभोज के खत्म होने पर मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिलने पहुंचे राष्ट्रपति शी जिनपिंग. इस दौरान विडोडो के करीब बैठे पीएम नरेंद्र मोदी भी उठे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ न केवल हैंडशेक हुआ बल्कि कुछ देर बातचीत भी हुई. इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पत्नी पेंग लिउयान भी मौजूद थीं. इतना ही नहीं रात्रिभोज की इस मुलाकात में जहां पहले दोनों नेता मिले वहीं बाद में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव विनय क्वात्रा भी पहुंच गए.


केवल शिष्टाचार मुलाकात?
भारतीय खेमे के सूत्रों के मुताबिक यह केवल एक शिष्टाचार मुलाकात थी. सो इसमें केवल सामान्य शिष्टाचार के विषय पर बात हुई. हालांकि तस्वीरें बयान करती हैं कि करीब तीन-चार मिनट तक दोनों नेता बात करते रहे और दोनों के बॉडी लैंग्वेज में भी काफी सहजता नजर आई.


दो साल बाद मिले दोनों नेता
चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा थी. साथ ही दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने की यह पहली मुलाकात का 24 महीने बाद हुई यह पहली मुलाकात थी जो कैमरों में कैद हुई.  इससे पहले मोदी और जिनपिंग सितंबर 2022 में समरकंद में भी साथ थे. लेकिन उनके बीच किसी मुलाकात या बातचीत की कोई तस्वीर नजर नहीं आई. बाली से पहले दोनों नेता आमने-सामने की मुलाकात में नवंबर 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात के लिए मिले थे. 


हालांकि उसके बाद पहले कोरोना और फिर पूर्वी लद्दाख के सीमा तनाव ने दोनों नेताओं के बीच सीधे संवाद के रास्तों को बंद कर दिया.  इतना ही नहीं भारत और चीन के बीच जून 2020 में हुए गलवान घाटी संघर्ष और उसमें 20 भारतीय सैनिकों की मौत ने तो बाद में बातचीत की रही-सही संभावनाओं को भी धुंधला दिया. 


इन नेताओं से मिले थे दोनों नेता
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब सीमा तनाव के बीच बातचीत की कवायद को शुरु करने की कोशिश जी20 बैठक के दौरान की गई हो.  इससे पहले 2017 में डोकलाम सीमा तनाव के बाद जर्मनी के हैमबर्ग में जुलाई 2017 की जी 20 शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी. इतना ही नहीं इस मुलाकात के बाद अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक मुलाकातों का सिलसिला पहले वुहान और फिर महाबलीपुरम में आगे बढ़ा. 


क्या जुड सकती हैं अनौपचारिक संवाद की कड़ियां?
साल 2019 में महाबलीपुरम की अनौपचारिक बैठक के बाद से दोनों देशों के बीच कोई यह सिलसिला भी करीब तीन साल से रुका हुआ है.  ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि क्या बाली की मुलाकात के बाद क्या अनौपचारिक शिखर संवाद की यह कड़ियां जुड़ती हैं. 


इतना ही नहीं बाली की शिखर बैठक ने भारत की जी 20 अध्यक्षता का रास्ता भी कुछ आसान किया है.  चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश के साथ शीर्ष संवादहीनता भारत के लिए जी 20 की मेजबानी की मुश्किलें बढ़ा सकती थी.  ऐसे में नेताओं के बीच हुए छोटे और अनौपचारिक संवाद ने भी दरवाजों को खोलने में मदद जरूर की है. ध्यान रहे कि अगले वर्ष भारत को जी 20 अध्यक्ष के तौर पर चीन और अमेरिका, जापान हों या रूस, सभी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों की मेजबानी करनी है. बाली के बाद अगली शिखर बैठक दिल्ली में होगी.


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