Teachers Day: 'मुझे हर महीने 2 चिट्ठी लिखते थे, सभी संभाल कर रखी है...', पीएम मोदी ने अपने टीचर को किया याद, दिया ये मंत्र
Teachers Day 2023: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के विजेताओं के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने अपने टीचर्स को याद किया. उन्होंने बताया कि उनके एक टीचर उन्हें महीने में दो बार चिठ्ठी लिखते थे.
Teachers Day 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (4 सितंबर) को दिल्ली के 7 LKM में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के विजेताओं के साथ बातचीत की. प्रधानमंत्री ने देश के युवा दिमागों को विकसित करने में शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने अच्छे शिक्षकों के महत्व और देश की नियति को आकार देने में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने बच्चों को जमीनी स्तर पर उपलब्धि हासिल करने वालों की सफलता के बारे में शिक्षित करके प्रेरित करने के महत्व पर जोर दिया.
इस दौरान उन्होंने कहा, "मेरे एक टीचर का अभी निधन हो गया था. उनकी उम्र 98 साल थी. मुझे हर महीने उनकी दो चिठ्ठी आती थीं. उनकी हैंड राइटिंग बेहद शानदार थी. वह कभी मुझे किताबों का रिफ्रेंस लिखकर भेजते तो कभी किसी घटना का एनालिसिस. वह मेरे लिए हमेशा एक टीचर ही रहे. उनसे मेरा कभी नाता नहीं टूटा." उन्होंने कहा कि हमें ऐसे स्टूडेंट तैयार करने चाहिए जिनके जीवन में मां के बाद टीचर्स का स्थान हो और अगर मैं वह नहीं कर पाता तो कमी मुझमें है न कि उस स्टूडेंट्स में.
पीएम मोदी ने सुनाया गुजरात का किस्सा
पीएम मोदी ने एक टीचर के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि जब में गुजरात का सीएम था तो मैंने बच्चों को एक काम दिया था और उनसे पूछा कि आपके गांव में सबसे पुराना पेड़ कौन सा है? इसके बाद टीचर समेत पूरा स्कूल आस-पास के इलाकों में जाता था और पता लगाता था कि कौन- पेड़ गांव का सबसे पुराना पेड़ है. पीएम ने कहा कि गांव वालों को पता होना चाहिए कि कौन-सा पेड़ सबसे पुराना है. इसके बाद मैंने उनसे उन पेड़ों की आत्मकथा लिखने को कहा था.
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम जब स्कूल में पढ़ते थे तो वहां पॉलिटिकल- सोशल वर्कर थे. वह हमसे कहते थे कि तुम्हे आते-जाते कोई पत्थर मिले, जिस पर कुछ लिखा हो या कोई नक्काशी हो तो उसे लेकर आया करो और स्कूल के एक कोने में डाल दो. धीरे-धीरे वहां एक बड़ा ढेर बन गया. इसमें ऐसे पत्थर थे, जो सालों पुराने थे. वह पत्थर आगे चल कर विरासत बन गए.
स्कूल के टीचर ने दिया टास्क
उन्होंने कहा कि मेरे स्कूल में एक टीचर आए थे, जो एक डायरी लेकर आए और बच्चों से कहा सुबह जो भी बच्चा पहले आएगा वह उस पर एक सेंटेनस लिखाेगा और बाकी बच्चे उसके नीचे लिखेंगे. मान लीजिए पहले ने लिखा कि सूर्यउदय बहुत सुंदर होता है तो बाकी बच्चों को भी उसी टॉपिक पर लिखना पड़ता था. इससे यह हुआ कि हर बच्चा यह सोचता था कि मैं सबसे पहले जाऊं और किसी और के लिखे वाक्य पर न लिखूं.
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