Heeraben Dies At 100: सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहती थीं हीराबेन, केवल दो बार मंच पर बेटे के साथ दिखीं
Heeraben Dies At 100: प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन इस दुनिया में नहीं रहीं. अहमदाबाद के एक अस्पताल में 100 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली.
Heeraben Dies At 100: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी पंचतत्व में विलीन हो गई हैं. पीएम मोदी ने अपने बड़े भाई के साथ मां के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी है. अंतिम संस्कार की प्रतिक्रिया पूरे विधि-विधान से हुई है. सनातन धर्म के अनुसार सारे विधि-विधान बेहद सादा तरीके से किए गए. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.
मां हीराबेन के 6 बच्चे हैं. उनको प्रधानमंत्री मोदी से ख़ास लगाव था. भले ही मां-बेटे एक दूसरे से दूर रहा करते थे लेकिन उन दोनों के दिल में दूरी कभी नहीं देखी गई है. प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां हीराबेन को अपना गुरु मानते हैं.
कुछ दिन साथ रहने आई थीं हीराबेन
काफी लोगों के मन में यह विचार आता है कि प्रधानमंत्री की मां आखिर कभी किसी सार्वजनिक कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिखाई दी. या फिर उनके दिल्ली आवास में साथ क्यों नहीं रहती हैं. इसका जवाब प्रधानमंत्री ने खुद एक इंटरव्यू में दिया था. पीएम मोदी ने कहा था कि जब वे प्रधानमंत्री बनकर घर से निकले थे तो उनका भी मन था कि वे अपनी मां और पूरे परिवार के साथ रहे.
पीएम मोदी ने बहुत छोटी उम्र में अपना घर छोड़ दिया था जिसकी वजह से वे मोह-माया नहीं रख पाए थे. उन्होंने यह भी बताया कि मां हीराबेन को अपने साथ रहने को भी बुलाया था. फिर दोनों मां बेटे ने एक दूसरे के साथ कुछ अच्छे पल भी बिताये थे. हीराबेन उनसे यह हमेशा कहती थी कि उनके पीछे पीएम मोदी को अपना समय ख़राब नहीं करना चाहिए. पीएम मोदी को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए. काम की वजह से पीएम मोदी अपनी मां को समय भी नहीं दे पाते थे. कभी-कभी उनके साथ वे खाना खा लेते थे. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि जब वे रात में घर वापस आते थे और हीराबेन उनका इंतज़ार करती होती थी तो उनको बहुत दुःख होता था.
सिर्फ दो बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाई दी हीराबेन
प्रधानमंत्री की मां हीराबेन अब तक केवल दो बार मोदी के साथ किसी सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाई दी है. पहली बार हीराबेन तब सार्वजनिक कार्यकम में दिखाई दी थी जब मोदी एकता यात्रा के बाद श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा कर लौटे थे. उनके लिए अहमदाबाद में एक सम्मान समारोह हुआ था. समारोह में हीराबेन ने मंच पर आकर उनका टीका भी किया था. हीराबेन उस समय काफी भावुक भी थी. दरअसल एकता यात्रा के दौरान फगवाड़ा में हमला भी हुआ था. इस हमले में दो लोगों की मौत भी हो गई थी.
बेटे के पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर आई थी
दूसरी बार हीराबेन 20 साल पहले आखिरी बार सार्वजनिक रूप से किसी कार्यक्रम में दिखाई दी थी. यह पल मां हीराबेन के लिए ख़ास था. नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे. मां की उपस्थित में ही उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इसके बाद हीराबेन कभी भी किसी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नज़र नहीं आई.
चुनाव में अंतिम समय तक मतदान करती रहीं हीराबेन
पीएम मोदी ने खुद बताया है कि उनकी मां नागरिक कर्तव्यों के प्रति बहुत जागरूक थी. जब से पंचायत चुनाव शुरू हुए हो तब से लेकर इस साल हुए गुजरात इलेक्शन तक उन्होंने हमेशा वोट दिया था. 18 जून को प्रधानमंत्री की मां हीराबेन 100 साल की पूरी हो गई थी. इस अवसर में प्रधानमंत्री ने अपनी मां के पैर धोये थे और उस पानी से आंख भी पोछी थी.
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