नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया और इस पुल का नाम महान गायक भूपेन हजारिका के नाम पर रखने का एलान किया. ये पुल ‘ढोला-सदिया’ ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक लोहित नदी के ऊपर बना है, जिसका एक छोर अरुणाचल प्रदेश के सटे असम के ढोला में और दूसरा छोर असम के सदिया में पड़ता है.


असम का सदिया वही जगह है, जिसकी मिट्टी ने भूपन हजारिका जैसी शख्सियत को जन्म दिया, जिसने गीत संगीत की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी. जिसके नाम से संगीत की दुनिया दमक उठती है, जिसकी आवाज़ से गायकी की दुनिया गूंज उठती है, जिसकी कविताओं से मुहब्बत के साज़ निकलते हैं, जिसने फिल्में भी बनाई और गीत भी लिखे. जिसकी शख्सियत से असम का सीना चौड़ा हो जाता है. उस महान गायक पर भारत को नाज़ है. आइए इस मौके पर जानते हैं कि कौन हैं भूपेन हजारिका.


जानें कौन थे भूपेन हजारिका ?


भूपेन हजारिका देश के एक महान संगीतकार, बेहतरीन गायक, अच्छे कवि, उत्कृष्ठ फिल्म निर्माता और शानदार गीतकार रहे हैं. असम ही नहीं देश-दुनिया आपके प्रतिभा को सलाम करती है. आपने हिंदी फिल्म रुदाली के कई गानों को आवाज दी. इसके अलावा असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे.


भूपेन दा के नाम से जानते हैं लोग


1992 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण से नवाजे गए भूपेन हजारिका को लोग भूपेन दा के नाम से जानते हैं. भूपेन दा के पिताजी का नाम नीलकांत और उनकी मां का नाम शांतिप्रिया था. जो मूलरुप से असम के शिवसागर जिले के नाजिरा के रहने वाले थे.


हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के तिनसुकिया जिले के सदिया में हुआ था. हजारिका भारत के ऐसे प्रतिभावान कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते, कंपोज करते और फिर उसे गाते थे.


10 साल में गायक, 12 साल की उम्र में बने अभिनेता


दस भाई-बहनों में सबसे बड़े भूपेन हजारिका का संगीत के प्रति लगाव उनकी मां के कारण हुआ था. हजारिका की मां शांतिप्रिया ने उन्हें पारंपरिक असमिया संगीत की ट्रेनिंग बचपन में ही देनी शुरू कर दी थी. आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि हजारिका ने अपना पहला गीत बचपन में ही लिखा था और 10 साल की उम्र में उसे गाया था. साल 1939 में हजारिका ने महज 12 साल की उम्र में असम की दूसरी फिल्म ‘इंद्रमालती’ के लिए काम भी किया था.


करीब 13 साल की उम्र में भूपेन हजारिका ने तेजपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की. आगे की पढ़ाई के लिए हजारिका गुवाहाटी गए. 1942 में गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई की. साल 1946 में हजारिका ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में एमए किया. इसके बाद न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने पीएचडी की डिग्री हासिल की. 5 नवंबर 2011 में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था.


प्रधानमंत्री ने किया देश के सबसे लंबे नदी पुल का उद्घाटन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के सबसे लंबे नदी पुल ढोला-सदिया का उद्घाटन किया. यह पुल मुंबई स्थित बांद्रा-वर्ली सी लिंक से लंबा है. इस पुल के बन जाने से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय में चार घंटे की कमी आएगी.