नई दिल्ली : सिविल सेवा दिवस पर विज्ञान भवन में नौकरशाहों को 'आउटपुट' समझाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक मजेदार किस्सा सुनाया. अपने खास अंदाज में मोदी ने यह कहानी सबके सामने रखी औऱ बहुत ही सरल ढंग से अपना संदेश सबतक पहुंचा दिया.


उनमें से एक गढ्ढा खोद रहा था और दूसरा भर रहा था


पीएम ने कहानी में बताया कि कैसे एक बागीचे में दो लोग मौजूद थे और उनमें से एक गढ्ढा खोद रहा था और दूसरा भर रहा था. जब उनसे पूछा गया तो पता चला कि एक तीसरा भी है जो छुट्टी पर है और उसका काम था पैडिंग करना. फिर पीएम ने बताया कि दो लोग पूरी तरह एक काम में लगें लेकिन, कोई काम नहीं हुआ.


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देश में पहली बार बजट के साथ 'आउटकम' बुकलेट दी जा रही है


कहानी की सीख से साथ ही पीएम मोदी ने जिक्र किया है कि देश में पहली बार बजट के साथ 'आउटकम' बुकलेट दी जा रही है. उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सभी काम को आउटकम (उपलब्धि) के तराजू से तौलना होगा. उन्होंने कहा कि आखिरी आदमी तक यह बात पहुंचनी चाहिए.


कहा कि नौकरशाहों की चुनौतियां पहले से बढ़ गई हैं


इससे पहले सिविल सेवा दिवस पर विज्ञान भवन में नौकरशाहों को सम्मानित किया. इस दौरान पीएम ने नौकरशाहों को संबोधित करते हुए कहा कि नौकरशाहों की चुनौतियां पहले से बढ़ गई हैं. पीएम ने कहा कि अगर काम करने का तरीका बदलेंगे तो चुनौतियां अवसर में बदल जाएंगी.