PM Modi Nomination: 75 फीसदी हिंदू, 20 फीसदी मुसलमान, देखें पीएम मोदी की सीट वाराणसी का नंबर गेम
PM Modi Nomination in Varanasi: 1991 के बाद से सिर्फ एक बार ही वाराणसी सीट कांग्रेस के पास गई है. वहीं 2009 के बाद से लगातार बीजेपी का परचम इस सीट पर फहरा है और अब ये बीजेपी का गढ़ मानी जाती है.
Varanasi Lok Sabha Number Game: वाराणसी लोकसभा चुनाव के रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से उतरने के लिए तैयार हैं. पीएम मोदी तीसरी बार इस सीट से नामांकन भर रहे हैं और बीजेपी का दावा है कि वो इस बार पिछली चुनावी जीतों से भी बड़ी जीत दर्ज करेंगे. सियासी दावों और रणनीतियों के पीछे क्षेत्र के कई समीकरण और उनके नंबर मुख्य वजह और बुनियाद होते हैं. पीएम मोदी के नामांकन से इतर समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर वाराणसी का नंबर गेम क्या कहता है. किसकी जनसंख्या ज्यादा है और कौन सा फैक्टर चुनावी नतीजा तय करने में अहम भूमिका निभाता है.
सबसे पहले सीट का समीकरण
भारत की धार्मिक राजधानी कहलाने वाली वाराणसी लोकसभा सीट पांच विधानसभा सीटों को मिलकर बनी है. वाराणसी दक्षिण शहर, वाराणसी उत्तर, वाराणसी कैंट, रोहनिया और सेवापुरी. 1957 के बाद से बीजेपी ने सात बार इस सीट पर जीत हासिल की है और कांग्रेस के खाते में ये सीट छह बार गई है. 1991 के बाद से सिर्फ एक बार, 2003 में ये सीट बीजेपी के हाथ से फिसलकर कांग्रेस के पास गई थी. 2009 के बाद से इस सीट पर लगातार बीजेपी उम्मीदवार की जीत होती आई है और अब ये बीजेपी का गढ़ बन गई है.
वाराणसी के कुल मतदाताओं की बात करते हैं. इस सीट पर कुल 19.62 लाख मतदाता हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी के भविष्य का फैसला करेंगे. 19 लाख 62 हजार 948 मतदाताओं में 10 लाख 65 हजार 485 पुरुष और 8 लाख 97 हजार 328 महिलाएं हैं. वाराणसी में 135 थर्ड जैंडर मतदाता हैं. 52 हजार 174 मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
75 फीसदी हिंदू और 20 फीसदी मुस्लिम
वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल आबादी का 75 फीसदी शेयर हिंदू आबादी का है. वहीं 20 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. बाकी बची 5 फीसदी आबादी में अन्य धर्म के लोग आते हैं. इस सीट की 65 फीसदी आबाद शहरी क्षेत्र और 35 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. कुल आबादी का 10.01 फीसदी जनजाति और 0.7 फीसदी दलित वर्ग से हैं.
ओबीसी फैक्टर का वाराणसी पर इम्पैक्ट
जातीय समीकरण किसी भी चुनाव में एक बड़ा फैक्टर होता है. वाराणसी सीट की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा लगभग 2 लाख वोटर्स कुर्मी समाज के हैं. इस समाज का सबसे ज्यादा असर रोहनिया और सेवापुरी इलाके में हैं. इस सीट पर 2 लाख वैश्य वोटर्स भी हैं, जो नतीजों पर सीधा असर डालते हैं. कुर्मी और वैश्य समाज के बाद ब्राह्मण और भुमिहार वोटर्स भी वाराणसी में अच्छा खासा वोट प्रतिशत रखते हैं. यादव और मुस्लिम समुदाय के वोट भी इस सीट पर चुनावी जीत के परचम को हिलान के दमखम रखते हैं. इस सीट पर यादव समाज के एक लाख वोट हैं. यादव वोटर्स से इतर इस सीट पर कुल 3 लाख वोटर ओबीसी समुदाय से संबंधित हैं.