नरेंद्र मोदी ने ली तीसरी बार पीएम पद की शपथ, यशवंत सिन्हा की बड़ी भविष्यवाणी- कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी ये सरकार
यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर इसको स्किलफुली मैनेज नहीं किया गया तो गठबंधन चलाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अगर सारी मांगें मान भी लें तो भी सरकार नहीं चल पाएगी.
देश में फिर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की सरकार बन गई है. नरेंद्र मोदी ने रविवार (9 जून, 2024) को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ सी. बीजेपी इस बार बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी और सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई है. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) की तरफ से मंत्रालयों की मांग को लेकर खबरें आ रही हैं. इस बीच पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का कहना है कि एनडीए की यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि सहयोगी दलों की तरफ से हर रोज मांगें आएंगी, कई मांग गलत भी होंगी और अगर वो नहीं मानी गईं तो पार्टी को परेशानी होगी. उन्होंने कि प्रधानमंत्री मोदी को अपने स्वभाव में बदलाव लाना होगा क्योंकि जो पार्टियां आज सपोर्ट कर रही हैं, ये हर दिन मंत्रियों से अलग-अलग मांग करेंगी, जिसकी वजह से दबाव बनेगा.
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'एनडीए की बैठक में नरेंद्र मोदी जी ने जो तकरीरें पेश कीं, उससे तो ये लगा कि बहुत एडजस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं आज ये चेतावनी देना चाहता हूं कि उनको तनिक भी इस बात का इल्म नहीं है कि इस तरह की सरकार जो दो बैसाखियों पर टिकी हो, उसको चलाने में कितनी कठिनाई आती है. मैं सरकार में रहा और कम से कम जो एक पद था हमारा वित्त मंत्री का वो बहुत ही संवेदनशील पद था. वो सब मैंने झेला.'
उन्होंने आगे कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दोनों उसका हिस्सा थे. नीतीश कुमार सरकार में थे और नायडू बाहर से सपोर्ट कर रहे थे, लेकिन मैंने महसूस किया कि उनकी डिमांड एक दिन में खत्म होने वाली डिमांड नहीं होती हैं. बात सिर्फ उप प्रधानमंत्री पद या स्पीकर या विभागों की मांग पर ही खत्म नहीं होगी. रोजाना डिमांड आएंगी. दोनों मुख्यमंत्री हैं. प्रदेश की डिमांड होती है. खासतौर से फाइनेंशियल इशू पर डिमांड आएगी. वो डिमांड करेंगे कि उनको विशेष दर्जा ही नहीं दिया जाए बल्कि विशेष सहायता भी की जाए. विशेष सहायता आप उनकी करेंगे तो दूसरे राज्यों को आप कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं.'
यशवंत सिन्हा ने कहा कि इन दलों के सांसद मंत्रियों पर हर रोज दबाव बनाएंगे. अगर कोई गलत डिमांड भी है और नहीं मानी जाएगी तो वो अपने नेता से जाकर शिकायत करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर इसको बहुत स्किलफुली मैनेज नहीं किया जाए या प्रधानमंत्री खुद इसमें रुची न लें तो मंत्रियों और पदाधिकारियों का जीना मुश्किल हो जाएगा.
यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने स्वभाव में बहुत बदलाव करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'जिन्होंने गुजरात और दिल्ली में एक छत्र शासन चलाया है, उनके लिए अपने स्वभाव में फंडामेंटल बदलाव लाना मुश्किल होने जा रहा है. जहां वह सबके बॉस बनकर बैठे थे, उन्हें अगर दूसरे का आदेश लेना पड़े तो वह कैसे कर पाएंगे और अगर कर पाएंगे तो कितने दिन कर पाएंगे. खेला तो अभी शुरू हुआ है, ये आसानी से खत्म होने वाला नहीं है. क्या पांच साल ये सरकार चलेगी? मुझे विश्वास नहीं है कि ये सरकार पांच साल चल पाएगी. सब कुछ अगर मोदी जी स्वीकार कर लेते हैं तो भी ये सरकार पांच साल चलने वाली नहीं है.'
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