पीएम मोदी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल का जिक्र करते हुए कही ये बात
स्वतंत्रता सेनानियों के योगदानों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश इतिहास के गौरव को सहेजने के लिए पिछले छह वर्षों से सजग प्रयास कर रहा है.
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, भीम राव अंबेडकर समेत कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया.
भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ समारोह में पीएम मोदी ने कहा, ''पंडित नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहब अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस ये सभी महान व्यक्तिव आजादी के आंदोलन के पथ दर्शक रहे हैं. उनके सपनों का भारत बनाना है. हम सामूहिक संकल्प ले रहे हैं. इनसे प्रेरणा ले रहे हैं.''
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले छह वर्षों से सजग प्रयास कर रहा है. हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था. मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का मौका मिला था.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आज़ाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है. अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतन्त्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है. जलियाँवाला बाग का स्मारक हो या फिर पाइक आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है. बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है.’’
पीएम मोदी ने बताया कि 75वीं वर्षगांठ का समारोह 15 अगस्त 2023 तक चलेगा. उन्होंने उन्होंने कहा कि बीते छह वर्ष में देश के गुमनाम नायकों के इतिहास को संरक्षित करने के ‘सजग प्रयास’ किए गए हैं.
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की दांडी यात्रा का स्मरण करते हुए गुजरात के साबरमती आश्रम से पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई. अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से 81 लोगों ने पदयात्रा शुरू की. वे 386 किमी दूर नवसारी के दांडी तक जाएंगे. 25 दिन की इस पदयात्रा का समापन पांच अप्रैल को होगा.
महात्मा गांधी के नेतृत्व में ‘नमक सत्याग्रह’ की घोषणा करते हुए 78 लोगों ने 12 मार्च 1930 से दांडी यात्रा शुरू की थी. नमक पर अंग्रेजों के दमनकारी ‘कर’ के खिलाफ यह राष्ट्रपिता का अहिंसक विरोध था जिसकी भारत की आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका रही.
समारोह की शुरुआत करने के बाद मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपने संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है. भारत लोकतंत्र की जननी है और हम इसे मजबूत करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. भारत की उपलब्धियां केवल हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि हमारी उपलब्धियां पूरे विश्व को प्रकाश दिखा रही है.’’
उन्होंने कहा कि विकास के प्रति भारत का ‘आत्मनिर्भर’ रूख विश्व के विकास की यात्रा को बल देगा. मोदी ने कहा, ‘‘पांच स्तंभ हैं: स्वतंत्रता संग्राम, 75 में विचार, 75 में उपलब्धियां, 75 में कार्य, 75 में संकल्प. ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे.’’
अहमदाबाद हवाईअड्डे पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से साबरमती आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की. वह आश्रम में स्थित आवास हृदयकुंज भी गए जहां गांधी 1918 से 1930 तक अपनी पत्नी कस्तूरबा के साथ रहे थे. पीएममोदी ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि यह महोत्सव हमारे स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि है.
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘साबरमती आश्रम आकर और बापू की प्रेरणा से राष्ट्र निर्माण का मेरा दृढ़ निश्चय और भी मजबूत हुआ है.’’ प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘‘महात्मा गांधी ने आत्म निर्भरता और आत्म विश्वास का संदेश यहीं से दिया था.’’