कोरोना कर्फ्यू, लॉकडाउन, टीका उत्सव, टेस्टिंग और माइक्रो कंटेनमेंट जोन | पढ़ें- पीएम मोदी के बयान की 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पिछले साल कोरोना की जो सर्वोच्च रफ्तार थी उसे हम इस बार पार कर चुके हैं. इस बार मामलों की वृद्धि दर पहले से भी ज्यादा तेज है.
नई दिल्ली: कोरोना के रिकॉर्ड मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कोरोना टेस्टिंग, नाइट कर्फ्यू और टीकाकरण पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि देश में संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहीं है. बता दें कि आज देश में सर्वाधिक कोरोना संक्रमण के 1,26,789 मामले आए हैं.
1. लापरवाही बरत रहे हैं लोग: पीएम मोदी ने कहा, ‘‘पिछले साल कोरोना की जो सर्वोच्च रफ्तार थी उसे हम इस बार पार कर चुके हैं. इस बार मामलों की वृद्धि दर पहले से भी ज्यादा तेज है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य पहली लहर की 'पीक' को भी पार कर चुके हैं. कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं. हम सबके लिए ये चिंता का विषय है. ये एक गंभीर चिंता का विषय है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत अधिक लापरवाह हो गए हैं और अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी सुस्त नजर आ रहा है.
2. माइक्रो कंटेनमेंट जोन: पीएम मोदी ने कहा कि हमारा बल माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर होना चाहिए. इससे हमें लाभ होगा. कंटेनमेंट जोन में सभी का कोरोना टेस्ट किया जाना चाहिए. कंटेनमेंट जोन छोटे क्षेत्र में घोषित किया जाना चाहिए.
3. टेस्टिंग पर जोर: पीएम मोदी ने कहा कि अगर कोई कोरोना से संक्रमित होता है तो उसके संपर्क में आने वाले कम से कम 30 लोगों का टेस्ट किया जाना चाहिए. हमारे पास संसाधन हैं, अब अनुभव भी है, जांच (टेस्ट), पता लगाना (ट्रैक), उपचार (ट्रीट), कोविड उपयुक्त व्यवहार से संक्रमण की चरम सीमा को नीचे लाने में मदद मिलेगी.
4. RTPCR टेस्ट: जांच के समय से मरीजों का सैंपल ठीक से लिया जाना चाहिए. आरटीपीसीआर टेस्ट हमें बढ़ाने की जरूरत है. कुछ लैब उसी को निगेटिव और कुछ लैब उसी को पॉजिटिव दे रहा है. यह अच्छे संकेत नहीं हैं. हमें ध्यान देने की जरूरत है.
5. कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहीं है. नाइट कर्फ्यू की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी जगह हमें कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए. ताकि कोरोना के प्रति एक सजगता बनी रहे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग ये बौद्धिक चर्चा करते हैं कि क्या कोरोना रात को ही आता है? हकीकत में दुनिया ने भी रात्रि कर्फ्यू के प्रयोग को स्वीकार किया है. कर्फ्यू का समय होता है तो हर व्यक्ति को याद रहता है कि वह कोरोना काल में जी रहा है. रात में नौ-10 बजे कोरोना कर्फ्यू लगाएं और सुबह पांच-छह बजे हटा दें ताकि बाकी व्यवस्थाओं पर ज्यादा प्रभाव ना हो.’’
6. टीका उत्सव: पीएम मोदी ने कहा, ''11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले जी की जन्म जयंति है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जन्म जयंति है, उस बीच हम सभी ‘टीका उत्सव’ मनाएं.'' पीएम मोदी ने कहा, ''हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि इस टीका उत्सव में हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करें. मैं देश के युवाओं से भी आग्रह करूंगा कि आप अपने आसपास जो भी व्यक्ति 45 साल के ऊपर के हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने में हर संभव मदद करें.''
7. वैक्सीन की कमी: कई राज्यों ने शिकायत की है कि केंद्र पर्याप्त संख्या में वैक्सीन का डोज नहीं दे रहा है. इस संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि आपको पता है कितनी वैक्सीन बन पाती है. किसी एक राज्य में सारा वैक्सीन रख कर कोरोना को खत्म नहीं किया जा सकता है. हमें सभी राज्यों में कोरोना वैक्सीन को बांटना है.
8. सर्वदलीय बैठक: प्रधानमंत्री ने कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए राज्यों में सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया, जिसमें राज्यपाल, मशहूर हस्तियों एवं अन्य सम्मानित लोगों को शामिल किया जाए.
9. वैक्सीनेशन के बाद क्या करें?: पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना का टीका लेने के बाद भी हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है.
10. राजनीति: पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति को लेकर मैं तो पहले दिन से देख रहा हूं. मैं मुंह खोलता नहीं हूं. जो राजनीति करना चाहते हैं वो कर ही रहे हैं. मुझे इसके बारे में कुछ कहना नहीं है. जिस तरह से पिछली बार कोरोना को रोका था इस बार भी कर लेंगे.