Tunnel Accident PM Called Uttarakhand CM: उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में पिछले 13 दिनों से फंसे श्रमिकों को लेकर पीएम मोदी चिंतित हैं. उन्होंने शुक्रवार (24 नवंबर) को एक बार फिर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर राहत और बचाव अभियान पर अपडेट ली है. इसके साथ ही उन्होंने मजदूरों के निकाले जाने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाने और बाद में उन्हें घर भेजने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं.
सूत्रों ने बताया है कि वह रोज पुष्कर सिंह धामी को फोन कर टनल में फंसे मजदूरों की सेहत का अपडेट ले रहे हैं. आज बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें राहत और बचाव अभियान में आ रही बाधा पर विस्तार से जानकारी दी है.
सीएम ने बताया है क्यों हो रही है बचाव अभियान में देरी
फोन पर मुख्यमंत्री ने पीएम को अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है. ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को हटाया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है.
मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. प्रधानमंत्री ने मजदूरों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में भी पूछा है. इसके अलावा बचाव अभियान में जुटे लोगों की सुरक्षा के बारे में भी निर्देश दिए. उन्होंने मजदूरों के परिजनों के बारे में भी जानकारी ली और बचाव अभियान में जुटी एजेंसियों के बीच तालमेल की नसीहत दी है.
मुख्यमंत्री खुद कर रहे हैं निगरानी
मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को बताया है कि उत्तरकाशी में अस्थाई कैंप बनाकर वह खुद बचाओ अभियान की निगरानी कर रहे हैं. 6 इंच व्यास के पाइप लाइन के माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस के साथ ही डिसपोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्कता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही है.
इसी पाइप लाइन के जरिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है. इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है.
बचाव अभियान में जुटे लोगों की सुरक्षा भी प्राथमिकता
सीएम धामी ने बताया है कि रेस्क्यू स्थल पर प्री कॉस्ट आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और ह्यूम पाइप के जरिए सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल बनाई गई है. इससे किसी भी आपात स्थिति में सुरंग के भीतर रेस्क्यू में जुटे लोगो को सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो सकेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र एजेंसीयों के साथ बेहतर समन्वय बनाने हेतु सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को सिलक्यारा में ही तैनात किया गया है.
उत्तरकाशी जिला प्रशासन और राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र प्रतिबद्धता के साथ जुड़ा हुआ है. परिजनों के आवास, भोजन, कपड़े, एवं परिवहन की व्यवस्था की गई है. परिजनों के समन्वय और उनकी सुविधाओं के जिला एवं राज्य स्तर पर अलग से अधिकारियों की तैनाती की गई है. आपको बता दें की दिवाली के दिन सुरंग धंस जाने की वजह से इसमें 41 मजदूर फंस गए हैं. इन्हें निकालने के लिए पिछले 13 दिनों से अभियान चल रहा है.
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