PM Modi at Matua event: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बंगाल के श्रीधाम ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की प्रख्यात हस्ति श्री श्री हरिचंद ठाकुर की 211 जयंती पर आयोजित ‘ मतुआ धर्म महा मेला’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बंगाल में हुई हालिया हिंसा का जिक्र किया और बगैर नाम लिए ममता सरकार पर निशाना साधा.


पीएम मोदी ने कहा, ''राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. लेकिन राजनीतिक विरोध के कारण अगर किसी को हिंसा से डरा-धमकाकर कोई रोकता है तो वो दूसरे के अधिकारों का हनन है. इसलिए ये हमारा कर्तव्य है कि हिंसा,अराजकता की मानसिकता अगर समाज में कहीं भी है तो उसका विरोध किया जाए.''


हाल ही में बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में बच्चों और महिलाओं समेत 9 लोगों को जला कर मार दिया गया था. आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के एक पंचायत पदाधिकारी की हत्या का बदला लेने के लिए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इस मामले की जांच कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कर रही है. बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार अपराधियों को बचा रही है. वहीं टीएमसी का कहना है कि राज्य सरकार ने इस मामले में मजबूती से कार्रवाई की है.


प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज मैं मतुआ समाज के सभी साथियों से भी कुछ आग्रह करना चाहूंगा. सिस्टम से करप्शन को मिटाने के लिए समाज के स्तर पर आपको जागरूकता को और बढ़ाना है. अगर कहीं भी किसी का उत्पीड़न हो रहा हो, तो वहां ज़रूर आवाज़ उठाएं. ये हमारा समाज के प्रति भी और राष्ट्र के प्रति भी कर्तव्य है.''


पीएम मोदी ने कहा कि कर्तव्यों की इसी भावना को हमें राष्ट्र के विकास का भी आधार बनाना है. हमारा संविधान हमें बहुत सारे अधिकार देता है. उन अधिकारों को हम तभी सुरक्षित रख सकते हैं, जब हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाएंगे.


पीएम ने कहा कि श्री श्री हॉरिचॉन्द ठाकुर जी ने एक और संदेश दिया है जो आज़ादी के अमृतकाल में भारत के हर भारतवासी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने ईश्वरीय प्रेम के साथ-साथ हमारे कर्तव्यों का भी हमें बोध कराया.


उन्होंने कहा, ''जब सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आधार पर सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाती है, जब सबका प्रयास, राष्ट्र के विकास की शक्ति बनता है, तब हम सर्वसमावेशी समाज के निर्माण की तरफ बढ़ते हैं.''


प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मतुआ धर्मियो महामेला, मतुआ परंपरा को नमन करने का अवसर है. ये उन मूल्यों के प्रति आस्था व्यक्त करने का अवसर है जिनकी नींव श्री श्री हरिचांद ठाकुर जी ने रखी थी. इसे गुरुचांद ठाकुर जी और बोरो मां ने सशक्त किया. आज शांतनु जी के सहयोग से ये परंपरा इस समय और समृद्ध हो रही है. अखिल भारतीय मतुआ महासंघ ने ‘मतुआ धर्म महा मेला-2022’का आयोजन 29 मार्च से पांच अप्रैल के बीच किया है.


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