PM Modi Parliment Speech: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में 'संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर तीखे हमले किए. उन्होंने संविधान की महत्ता, इसकी रक्षा में भाजपा की भूमिका और कांग्रेस की ओर किए गए कथित उल्लंघनों जिक्र किया. पीएम मोदी ने संविधान को भारत की एकता और ताकत का आधार बताते हुए इसे देश की असाधारण उपलब्धि बताया है. इस खबर में जानते हैं पीएम मोदी ने अपने लोकसभा में करीब 2 घंटे लंबे भाषण में क्या अहम बातें कहीं.
पीएम मोदी ने कहा, "जब देश आजाद हुआ, तब भारत के लिए जो संभावनाएं व्यक्त की गई थीं, उन्हें परास्त करते हुए संविधान ने हमें यहां तक पहुंचाया है. यह यात्रा असाधारण है. हमारे लिए संविधान, इसकी पवित्रता और अखंडता सर्वोपरि है. ये सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है. जब भी हमें परखा गया, हमने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी."
कांग्रेस ने ‘खून चखने’ के बाद संविधान को बार-बार किया घायल- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने कांग्रेस पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा, "कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. देश के लंबे इतिहास में एक ही परिवार ने राज किया है. इस परिवार के कुविचार, कुरीति, कुनीति, इसकी परंपरा निरंतर चल रही है. हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है."
पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस ने ‘खून चखने’ के बाद संविधान को बार-बार घायल किया. आपातकाल लगाकर, नागरिक अधिकार छीनकर और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाकर संविधान का दुरुपयोग किया गया. संविधान की 75 वर्ष की यात्रा में 55 साल तक एक परिवार ने शासन किया. इस परिवार की कुनीति और कुविचार ने संविधान को छिन्न-भिन्न किया."
लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, "हमने संविधान की भावना के प्रति समर्पण दिखाते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त किया और ‘एक देश, एक कर’ व्यवस्था को लागू किया."
पंडित जवाहरलाल नेहरू को लेकर पीएम मोदी ने ये कहा
पीएम मोदी ने कहा, " जब संविधान सभा में नेहरू जी की कुछ न चली तो जैसे ही मौका मिला, उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी पर हथौड़ा मार दिया. नेहरू जी ने उस दौरान (1951) में मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी. अगर संविधान हमारे रास्ते में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए. जब देश में संविधान नहीं था. तब राजेंद्र प्रसाद जी ने चेताया था कि यह गलत कर रहे हो. तब हमारे स्पीकर ने भी इसे गलत बताया था. आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण जैसी बड़ी शख्सियतों ने भी इसे गलत करार दिया. लेकिन नेहरू जी का अलग संविधान चलता था. इसलिए उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह नहीं मानी और उनकी राय को दरकिनार कर दिया."
'कांग्रेस ने गरीबी का दिया जुमला'
प्रधानमंत्री ने कहा, "कांग्रेस को एक शब्द बहुत प्रिय है. मैं आज उस शब्द का इस्तेमाल करना चाहता हूं. उनका पसंदीदा शब्द, जिसके बिना वे रह नहीं सकते, वह है 'जुमला'. देश जानता है कि अगर भारत में कोई सबसे बड़ा जुमला था और उसका इस्तेमाल चार पीढ़ियों ने किया, तो वह जुमला था - 'गरीबी हटाओ' यह ऐसा जुमला था, जिसने उनकी राजनीति में मदद की, लेकिन गरीबों की स्थिति में कोई सुधार नहीं किया. हमारी सरकार ने गरीबों की बेहतरी के लिए काम किए."
पीएम मोदी ने कहा, "यह परंपरा यही पर नहीं रुकी, नेहरू ने जो शुरू किया था, जिसे इंदिरा गांधी ने आगे बढ़ाया, इसी वजह से राजीव गांधी की सरकार उस वृद्ध महिला से हक छीन लिया था जिसे कोर्ट ने हक दिया था. शाहबानो की भावना, कोर्ट की भावना को राजीव गांधी ने नकार दिया था, उन्होंने संविधान को कुचल दिया था. उन्होंने न्याय के लिए एक बूढ़ी महिला का साथ नहीं दिया बल्कि कट्टरपंथियों के साथ चले गए, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया."
'पीएमओ के ऊपर बिठा दिया गया था नेशनल एडवायजरी काउंसिल'
पीएम मोदी ने सोनिया गांधी पर तंज करते हुए कहा, "मेरे से पहले जो प्रधानमंत्री थे, एक किताब में उनका वक्तव्य लिखा था. मुझे ये स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है. सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है. इतिहास में पहली बार चुने हुए प्रधानमंत्री के ऊपर एक गैर-संवैधानिक और जिसने कोई शपथ नहीं लिया था. नेशनल एडवायजरी काउंसिल, पीएमओ के ऊपर बिठा दिया था."
संविधान के 25 वीं, 50 वीं और 75 वीं वर्षगांठ पर क्या हुआ था पीएम ने बताया?
'संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा' पर चर्चा के दौरान पीएम ने संविधान के 25 और 50वीं बरसीं का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, "संविधान के जब 25 साल हुए थे, तब हमारे देश में इमरजेंसी लाई गई. नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया. प्रेस की स्वतंत्रता को ताले लगा दिए गए. कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है न, यह धुलने वाला नहीं है. लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था. और संविधान के जब 50 साल हुए तब क्या संविधान को भुला दिया गया था. तब अटल जी की सरकार थी. जब देश संविधान का 50 वर्ष मना रहा था. तब यह मेरा भी सौभाग्य था कि मुझे संवैधानिक प्रक्रिया से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल गया था. तब मैंने तय किया था मुख्यमंत्री के नाते कि हम संविधान के 60 साल मनाएंगे."
पीएम मोदी ने देश को दिए 11 संकल्प?
प्रधानमंत्री ने भाषण अंत में देश को 11 संकल्प दिए हैं. उन्होंने कहा:-
- 1. सभी नागरिक और सरकार अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें.
- 2. हर क्षेत्र और समाज को विकास का समान लाभ मिले, 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना बनी रहे.
- 3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता समाप्त हो.
- 4. देश के कानूनों और परंपराओं के पालन में गर्व का भाव जागृत हो.
- 5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व किया जाए.
- 6. राजनीति को परिवारवाद से मुक्त कर लोकतंत्र को सशक्त बनाया जाए.
- 7. संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए उसे हथियार न बनाया जाए.
- 8. जिन वर्गों को संविधान के तहत आरक्षण मिल रहा है, वह जारी रहे, लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए.
- 9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास यानी वूमेन लेड डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी जाए.
- 10. राज्य के विकास के माध्यम से राष्ट्र के विकास को सुनिश्चित किया जाए.
- 11. 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के लक्ष्य को सर्वोपरि रखा जाए.
ये भी पढ़ें:
गणित की डबल क्लास में बैठने जैसा! PM मोदी की स्पीच पर प्रियंका गांधी बोलीं- 'बोर कर दिया'