PM Modi ने East Asia Summit में लिया हिस्सा, हिंद प्रशांत क्षेत्र के मुद्दे पर कही ये बात
East Asia Summit: पीएम मोदी ने कहा कि भारत बहुपक्षीयवाद के साझा मूल्यों के प्रति सम्मान, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था-कानून और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व सार्वभौमिकता के लिए प्रतिबद्ध है.
East Asia Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक बार फिर इस बात की तस्दीक की कि एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान की केंद्रीयता का समर्थन भारत के व्यापक दृष्टिकोण के मूल केंद्र में है. प्रधानमंत्री ने 16वें पूर्वी-एशिया शिखर सम्मेलन में भी डिजिटल माध्यम से हिस्सा लेते हुए यह बात कही. इस सम्मेलन की मेजबानी ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया कर रहे थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बहुपक्षीयवाद के साझा मूल्यों के प्रति सम्मान, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व सार्वभौमिकता के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "ब्रुनेई द्वारा आयोजित 16वें पूर्वी-एशिया शिखर सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुआ. एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान की केंद्रीयता का समर्थन भारत के व्यापक दृष्टिकोण के मूल केंद्र में होने की बात दोहराई."
Participated in the 16th East Asia Summit hosted by Brunei through video conference. Re-affirmed India’s focus on a free, open and inclusive Indo-Pacific and the principle of ASEAN Centrality in the region. @ASEAN @Asean2021_BN
— Narendra Modi (@narendramodi) October 27, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "वह 18वें आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लेने को उत्सुक हैं." इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी, कोविड-19 व स्वास्थ्य, व्यापार, शिक्षा व संपर्क सहित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी. डिजिटल माध्यम से होने वाले इस सम्मेलन में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष व सरकारों के मुखिया भाग लेंगे. यह सम्मेलन प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है, जो आसियान व भारत को शीर्ष स्तर पर संवाद का मौका प्रदान करता है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल नवंबर में 17वें आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस बार वह 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, "आसियान-भारत साझेदारी साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यता के मजबूत आधारों पर आधारित है. आसियान समूह शुरू से भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर व्यापक दृष्टिकोण का मूल केंद्र रहा है."
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों और क्षेत्र में एक प्रमुख विश्वास-निर्माण तंत्र पर चर्चा करने के लिए एक प्रमुख नेतृत्व-प्रधान मंच है. पूर्वी एशिया के रणनीतिक और भौगोलिक अभ्युदय में इस मंच ने अहम भमिका निभाई है. इसमें 10 आसियान सदस्य देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, नयूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं.
Agni-5 Missile का सफल परीक्षण, 5 हजार किलोमीटर तक मार करने में है सक्षम