G20 Summit on Afghanistan: अफगानिस्तान पर हुई G-20 की बैठक, पीएम मोदी बोले- देश कट्टरपंथ और आतंकवाद का जरिया न बने
G-20 Summit on Afghanistan: अफगानिस्तान संकट पर जी-20 बैठक में पीएम मोदी ने मुल्क में समावेशी प्रशासन का आह्वान किया जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों की भी भागीदारी हो.
G-20 Summit on Afghanistan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को अफगानिस्तान पर जी-20 की बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया. इसमें उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया कि अफगानिस्तान का क्षेत्र कट्टरपंथ और आतंकवाद का जरिया न बने. उन्होंने कट्टरपंथ, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का आह्वान किया. उन्होंने अफगानिस्तान में समावेशी प्रशासन का आह्वान किया जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों का भी प्रतिनिधित्व हो. उन्होंने अफगानिस्तान पर एकीकृत प्रतिक्रिया के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया.
अफगानिस्तान संकट पर मंथन और मानवीय सहायता उपायों को लेकर बुलाई गई जी-20 देशों की आपात बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. पीएम ने इस वर्चुअल बैठक के मंच से कहा कि अफगानिस्तान के साथ भारत के सदियों पुराने संबंध रहे हैं. भारत ने 500 से अधिक सहायता परियोजनाएं अफगानिस्तान के लिए चलाई.
पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग भूख और कुपोषण का शिकार बन रहे हैं. ऐसे में वैश्विक समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगान लोगों को तत्काल और आवाज तौर पर मानवीय सहायता उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि अफगानिस्तान दुनिया के लिए कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत ना बने. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कट्टरवाद आतंकवाद, नशीली दवाओं और अवैध हथियारों की तस्करी के बीच बने गठजोड़ को तोड़ने के लिए साझा लड़ाई मजबूत करने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में बीते 20 सालों के दौरान हुई प्रगति को सहेजने के लिए यह जरूरी है कि एक समावेशी प्रशासन बनाया जाए जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों का भी प्रतिनिधित्व हो. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 के प्रति जी 20 देशों को और अधिक सक्रिय तौर पर समर्थन जताने की जरूरत है. अफगानिस्तान मैं अपेक्षित बदलावों को लाने के लिए यह जरूरी है कि सभी मिलकर एक साथ प्रयास करें.
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