Savitribai Phule Birth Anniversary: सावित्रीबाई फुले की जयंती आज, पीएम मोदी ने कहा- उनका जीवन महिलाओं को शिक्षित बनाने के लिए रहा समर्पित
Tribute to Savitribai Phule: महात्मा फुले ने देश में पहले बालिका विद्यालय की शुरुआत की थी और सावित्रीबाई उसकी पहली महिला शिक्षिका थीं. आज सावित्रीबाई फुले की जयंती है. पीएम ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
PM Pays Tribute to Savitribai Phule: PM प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को प्रख्यात समाजसेवी और भारत में महिला शिक्षा की प्रबल समर्थक रहीं सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "मैं प्रेरक सावित्रीबाई फुले जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. वह हमारी नारी शक्ति की अदम्य भावना को दर्शाती हैं. उनका जीवन महिलाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए समर्पित था. सामाजिक सुधार और सामुदायिक सेवा पर उनका ध्यान भी उतना ही प्रेरणादायक है."
बता दें कि महात्मा फुले ने देश में पहले बालिका विद्यालय की शुरुआत की थी और सावित्रीबाई उसकी पहली महिला शिक्षिका थीं. प्रधानमंत्री ने स्वाधीनता आंदोलन में अंग्रेजों से लोहा लेने वाली, तमिलनाडु के शिवगंगा रियासत की रानी वेलू नचियार की जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी है.
पीएम मोदी ने कहा कि उनका अदम्य साहस आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. उन्होंने कहा, "साहसी रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि. वह अपने लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में सबसे आगे थीं. उन्होंने उपनिवेशवाद का जमकर विरोध किया और समाज के कल्याण के लिए काम भी किया है. उनकी बहादुरी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी."
रानी वेलु शिवगंगा की रानी थीं
रानी वेलु नचियार शिवगंगा की रानी थीं और वह ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ युद्ध छेड़ने वाले पहले भारतीय शासकों में से एक थीं. वीरमंगई, वीर महिला कहलाने वाली, रानी वेलु नचियार रामनाथपुरम की राजकुमारी थीं. रानी वेलु नचियार का जन्म रानी स्कंधीमुत्थल के घर हुआ था. रानी वेलू को किसी राजकुमार की तरह ही पाला गया था. उन्हें युद्ध कलाओं, घुड़सवारी, तीरंदाज़ी और विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों का प्रशिक्षण दिया गया था. उन्हें अंग्रेज़ी, फ़्रेंच और उर्दू जैसी कई भाषाएं भी आती थी.
सावित्रीबाई देश की प्रथम महिला शिक्षिका
सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले देश की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारक एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य भी किए है. उन्होंने 1852 में पहले बालिका विद्यालय की स्थापना भी की थी.
यह भी पढ़े: 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का हुआ आगाज, पीएम मोदी बोले- महिलाओं की भागीदारी से आगे बढ़ रहा समाज